अपने परिश्रम और स्थानीय उत्पादों के माध्यम से महिलाएं आजीविका चलाने का कार्य कर रही हैं: मुख्यमंत्री धामी
-मुख्यमंत्री ने सरस मेला का किया शुभारंभ, खरीदारी कर किया ऑनलाइन पेमेंट
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार शाम रेंजर्स ग्राउंड में आयोजित सरस मेला-2024 का शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरस मेले में महिलाओं की ओर से बनाए गए उत्पाद मातृशक्ति के परिश्रम, नवाचार के प्रतीक हैं। अपने परिश्रम और स्थानीय उत्पादों के माध्यम से महिलाएं आजीविका चलाने का कार्य कर रही हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश भर के स्वयं सहायता समूहों की ओर से लगाए गए स्टालों का भी अवलोकन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महिलाओं से वार्ता कर उनके उत्पादों के बार में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने महिलाओं की ओर से निर्मित मंडुवे के बने केक की सराहना की। उन्होंने, स्वयं सहायता समूह की निर्मित दीए की खरीदारी कर ऑनलाइन माध्यम से पेमेंट भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा सरस मेला हमारे ग्रामीण क्षेत्रों की समृद्ध सांस्कृतिक परम्परा, कौशल और उद्यमिता को प्रदर्शित करने का भी प्रयास है। इन मेलों के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित करने का मंच प्राप्त होता है। हम ग्रामीण कारीगरों, महिला स्वयं सहायता समूहों, हस्तशिल्पियों, ग्रामीण उद्यमियों के साथ कृषि उत्पादों और ग्रामीण कौशल को भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की ओर से हमारे स्थानीय उत्पादों को सशक्त बनाने के लिए वोकल फॉर लोकल अभियान प्रारंभ किया गया था। यह मेला भी इस अभियान को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने कहा कि आजीविका मेले प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के मंत्र को भी साकार करने में सिद्ध हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मातृशक्ति को सर्वोपरि मानकर उनके उत्थान के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रही है। लखपति दीदी योजना के तहत राज्य की एक लाख से अधिक महिलाओं ने लखपति बनने का गौरव प्राप्त किया है। हमारा संकल्प वर्ष 2025 तक 1.5 लाख लखपति दीदी बनाने का है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण समय में भी सरकार ने मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह योजना के अंतर्गत 84 करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक सहायता प्रदान कर महिलाओं के उत्थान और सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने का प्रयास किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से 30 हजार से अधिक समूहों को ब्याज प्रतिपूर्ति के रूप में 24 करोड़ रुपये की छूट भी दी गई। 159 महिला सीएलएफ को लगभग 8 करोड़ रुपये का एकमुश्त अनुदान प्रदान किया गया। 43 हजार सक्रिय समूहों के स्वावलंबन के लिए 51 करोड़ से अधिक की आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना के तहत महिलाओं ने 95 ब्लॉकों में लगभग डेढ़ हजार स्टालों के माध्यम से 3 करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार कर किया। राज्य में ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 67 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूहों में 05 लाख से अधिक सदस्य जुड़े हैं और 07 हजार से अधिक ग्राम संगठन और 471 क्लस्टर स्तर के संगठन भी बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री से वार्ता के दौरान स्त्री शक्ती स्वयं सहायता समूह से स्वाति नेगी ने बताया कि उन्होंने 2019 में ग्रोथ सेंटर के माध्यम से ट्रेनिंग लेकर 20 महिलाओं के साथ दिवाली में काम आने वाली सजावटी मालाएं बनाने का कार्य शुरू किया। उन्होंने बताया राज्य सरकार की ओर से सचिवालय से लेकर ग्राम स्तर हर जगह उनके स्टॉल लगाए जाते हैं। उन्होंने बताया समूह की प्रत्येक महिला महीने में 10 से 12 हज़ार की कमा लेती हैं। उन्नति स्वयं सहायता समूह की लखपति दीदी कोमल ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ग्रामीण विकास विभाग एवं अन्य विभागों द्वारा हर स्तर पर उनकी मदद की जाती है। उन्होंने कहा लखपति दीदी योजना से समाज में उनका मान सम्मान बढ़ा है। वह अपने साथ अन्य महिलाओं को भी रोज़गार से जोड़कर कार्य कर रही हैं। धरा स्वयं सहायता समूह की लखपति दीदी फरजाना खान ने बताया कि वह महिलाओं के साथ मिलकर दलिया बनाने का काम करती हैं। उनके उत्पाद की बाज़ार में बड़ी मांग है। उनके समूह की प्रत्येक महिला करीब 12000 कमा लेती हैं।
लखपति दीदी फरजाना की मांग पर मुख्यमंत्री ने आयुक्त ग्राम्य विकास को दिए निर्देश:
लखपति दीदी फरजाना खान ने मुख्यमंत्री से वार्ता के दौरान प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर आउटलेट खोले जाने का अनुरोध किया। जिसके उपरांत मुख्यमंत्री ने आयुक्त ग्राम्य विकास धीराज गर्ब्याल को प्रत्येक जिले के हर संभव स्थान पर आउटलेट खोलने के लिए परीक्षण करवाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं अपनी बहनों को वचन देता हूं कि उनकी हर संभव मदद की जायेगी। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल विधायक खजान दास, विधायक उमेश शर्मा काऊ, विश्वास डाबर, जोत सिंह बिष्ट, आयुक्त ग्राम्य विकास धीराज गर्ब्याल, जिला अधिकारी देहरादून सविन बंसल सहित अन्य लोग मौजूद रहे।