विश्व का सबसे बड़ा नरेला परिवार का 16वां रक्षाबंधन महोत्सव का शुभारंभ 19 अगस्त से होगा
भोपाल : प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी नरेला विधानसभा क्षेत्र में विश्व का सबसे बड़ा रक्षाबंधन महोत्सव 19 अगस्त से मनाया जा रहा है। क्षेत्र की हजारों बहनें भैया विश्वास कैलाश सारंग को रक्षा सूत्र बांधेंगीं। नरेला क्षेत्र में रक्षाबंधन महोत्सव का यह 16वां वर्ष है। अब नरेला एक परिवार बन गया है। इस महोत्सव में सभी धर्मों, सभी वर्गों की बहनें भाग लेती हैं। पिछले वर्ष 2023 में लगभग 1 लाख 41 हजार बहनों ने रक्षा-सूत्र बांधकर नवीन कीर्तिमान स्थापित किया था। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने बताया कि रक्षाबंधन महोत्सव नरेला क्षेत्र में वर्ष 2009 से लगातार बड़े धूम धाम से मनाते आ रहे हैं। इस महोत्सव में क्षेत्र की सभी वर्ग और धर्मों की हजारों बहनें रक्षा सूत्र बांधती हैं। यह महोत्सव इस वर्ष 19 से 29 अगस्त तक मनाया जायेगा। क्षेत्र के प्रत्येक वार्ड में रक्षाबंधन महोत्सव का आयोजन होगा। महोत्सव के दौरान सावन के गीतों का आयोजन होगा तथा बहनों के लिए मेंहदी लगाने की व्यवस्था रहेगी। कुल मिलाकर महोत्सव के दौरान वातावरण ऐसा निर्मित किया जायेगा कि बहनों को अपने मायके का अहसास हो।
रक्षाबंधन महोत्सव के पूर्व हुआ पंजीयन
श्री सारंग ने बताया कि रक्षाबंधन महोत्सव के पूर्व सभी 17 वार्डों के 338 बूथों में महोत्सव में शामिल होनी वाली बहनों का पंजीयन कराया गया है। अभी तक 1 लाख से ज्यादा बहनों का ऑफ लाइन और ऑन लाइन पंजीयन किया जा चुका है।
सबसे ज्यादा और सबसे जल्दी राखी बंधवाने का बन चुका है विश्व रिकार्ड
श्री सारंग ने बताया कि वर्ष 2016 में रक्षाबंधन महोत्सव को लेकर दो-दो वर्ल्ड रिकॉर्ड बन चुके हैं। पहला विश्व रिकार्ड 4 घंटे में 10181 बहनों से राखी बंधवाने का है और दूसरा विश्व रिकार्ड 85 हजार बहनों से राखी बंधवाने का है। मंत्री सारंग ने बताया कि उन्होंने नरेला क्षेत्र को कभी भी राजनैतिक नजरिये से नहीं देखा है नरेला को हमेशा अपना परिवार माना है। इसलिए जब भी कोई तीज-त्यौहार होता है तो वे नरेला परिवार के साथ ही मनाते हैं और सुख-दुःख की घड़ी में भी उनके साथ खड़े रहते हैं।
रक्षाबंधन महोत्सव का विशेष आकर्षण
मंत्री सारंग ने बताया कि रक्षाबंधन महोत्सव में मथुरा से आये कलाकारों द्वारा श्रीराधाकृष्ण का नृत्य प्रस्तुत किया जायेगा। बहनों और भांजे-भांजियों के लिए झूले भी लगेगें। बहनों के लिए मेंहदी लगाने और चूड़ियां पहनाने के लिए स्टॉल भी लगाये जायेंगे।