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मेंटेनेंस और स्मार्ट मीटर लगने के बाद भी ट्रिपिंग क्यों : ऊर्जा मंत्री तोमर

भोपाल : मेंटेनेंस और स्मार्ट मीटर लगने के बाद भी ट्रिपिंग क्यों हो रही है। इसकी सभी एमडी समीक्षा कर जरूरी कार्यवाही करें। मेंटेनेंस कार्यों का निरीक्षण चीफ इंजीनियर, अधीक्षण यंत्री सहित अन्य अधिकारी नियमित रूप से करें। निरीक्षण की टीप विद्युत वितरण केन्द्र के रजिस्टर में अंकित करें। मेंटेनेंस के बाद भी ट्रिपिंग होने पर संबंधित इंजीनियर की जिम्मेदारी तय की जाएं। ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने यह निर्देश शनिवार को मंत्रालय में विभागीय योजनाओं की समीक्षा के दौरान दिये। ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने कहा कि प्रमुख अभियंता (सीई) और अधीक्षण यंत्री (एसई) अगर कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही करेंगे, तो उनके विरुद्ध कार्रवाई के साथ ही उनके जूनियर को उनका प्रभार देने पर विचार किया जायेगा। बेहतर कार्य करने वालों को सम्मानित भी किया जायेगा।

इंदौर को बनायें ट्रिपिंग-फ्री शहर- ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने कहा कि इंदौर शहर ने जिस तरह से स्वच्छता में अपनी बादशाहत कायम रखी है, उसी तरह इंदौर को ट्रिपिंग-फ्री शहर बनायें। उन्होंने कहा कि इंदौर में अधिकांश उपभोक्ताओं के घर में स्मार्ट मीटर लग चुके हैं, इसलिये इस कार्य को आसानी से किया जा सकता है। स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को जहाँ जरूरी है, वहाँ लोड वृद्धि के लिये भी प्रेरित करें।

खुले डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स और ट्रांसफार्मर की करायें फेंसिंग- ऊर्जा मंत्री ने कहा कि खुले डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स में ढक्कन लगवायें। फाइबर के ढक्कन लगाने पर विचार करें। ट्रांसफार्मर के चारों ओर फेंसिंग भी करायें, जिससे दुर्घटना की संभावना न रहे। विद्यालय परिसरों से निकल रही बिजली लाइनों का सर्वे कराकर उनकी गार्डिंग करायें। उपभोक्ताओं के हित में चल रही विभागीय योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये।

स्टोर में रहे पर्याप्त सामग्री- ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने कहा कि स्टोर में मेंटेनेंस में उपयोग की जाने वाली हर सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहनी चाहिये। यह सामग्री वितरण केन्द्र स्तर पर भी रखी जाये।

10 वितरण केन्द्रों को बनाया जायेगा मॉडल- ऊर्जा मंत्री ने बैठक में तीनों कम्पनियों के सर्वाधिक ट्रिपिंग एवं लाइन लॉस वाले 10 विद्युत वितरण केन्द्रों के जूनियर इंजीनियर एवं असिस्टेंट इंजीनियर से बात की। उन्होंने कहा कि इन केन्द्रों को मॉडल केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिये जरूरी संसाधन उपलब्ध कराये जायेंगे। ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने कहा कि 3 महीने में वांछित परिणाम प्राप्त होने पर इसका विस्तार किया जायेगा। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री नीरज मण्डलोई ने कहा कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद आने वाले बिल में पुराने बकाया का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिये। स्मार्ट मीटर तेज चलने की शिकायत पर कुछ स्थानों पर पेरेलल पुराने मीटर लगवा कर रीडिंग की तुलना करें। मेंटेनेंस के लिये नये इक्यूपमेंट्स का उपयोग करें। साथ ही जिस दिन जितना मेंटेनेंस शेड्यूल्ड हो, उसे उसी दिन पूरा करें। ट्रिपिंग की एनालिसिस भी करें। इस दौरान एमडी पॉवर मेनेजमेंट कम्पनी श्री अविनाश लवानिया एवं अन्य बिजली कम्पनियों के एमडी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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