मध्यप्रदेश

राष्ट्रीय खादी उत्सव मेले का मंगलवार अंतिम दिन

भोपाल। राजधानी में अरेरा हिल्स स्थित भोपाल हाट में 27 सितम्बर 2024 से चल रहे राष्ट्रीय खादी महोत्सव का मंगलवार, 8 अक्टूबर को समापन होगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग अंतर्गत आने वाले मध्यप्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा ग्रामीण अंचलों में कार्यरत कत्तिन बुनकरों एवं अन्य कारीगरों को रोजगार उपलब्ध कराने व खादी के उत्पाद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भोपाल हाट में राष्ट्रीय खादी उत्सव का आयोजन किया गया है।

9 राज्यों के लगे हैं 86 स्टॉल

राष्ट्रीय खादी महोत्सव में 9 राज्यों के 86 स्टॉल लगे हैं। इसमें अकेले मप्र के 26 स्टॉल है। इसके साथ ही राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली उत्तराखंड, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश की खादी ग्रामोद्योग एवं हैंडीक्राफ्ट की इकाईयों द्वारा दुकानें लगाई गई हैं।

मेले में प्रदेश एवं अन्य राज्यों की मलबरी सिल्क एवं मसलिन खादी की साड़ियां, कपड़ा, शाल, सूट सहित समस्त प्रकार के खादी वस्त्र के रेडीमेड गारमेंट्स, लेडीज कुर्ते एवं ग्रामोद्योग में माटीकला की सामग्री जूट, बैतबांस, लकड़ी के फर्नीचर, चमड़े के बैग, बेल्ट, पर्स, अगरबत्ती, शैंपू, सेनेटाइजर, शुद्ध एवं प्राकृतिक मसाले, शहद, अचार, पापड़, आटा, बेसन दलिया सहित विभिन्न सामग्रियों के स्टॉल लगाएं गए हैं, जिसमें बड़ी संख्या में ग्राहक पहुंचकर खरीददारी कर रहे हैं।

कबीरा खादी वस्त्रों और विंध्या वैली के उत्पादों पर विशेष छूट

खादी महोत्सव में मध्य प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा समस्त प्रकार के कबीरा खादी वस्त्रों पर ग्राहकों को विशेष छूट का लाभ दिया जा रहा है। इसके साथ ही प्रदेश के ग्रामोद्योग द्वारा उत्पादित एफएमजीसी उत्पाद विंध्या वैली पर विशेष छूट दी जा रही है। महोत्सव में मिट्टी के बर्तन बनाने की विधि, धागा बनाने व कपड़े की बुनाई का लगा स्टाल आकर्षण का केंद्र है।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

भोपाल हाट में खादी उत्सव में कला को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का हर दिन आयोजन किया जा रहा है। इसमें देशभक्ति गीत, सूफी गायन, लोक नृत्य एवं गायन प्रस्तुति, यादों की बारात, फैशन शो एवं पपेट शो, पुराने गीतों का पिटारा, गांधीजी भजन संध्या, किशोर कुमार नाइट, गज़ल, राधा कृष्णा लीला एवं गायन प्रस्तुति शामिल है।

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