
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ रहा है, और इसी बीच 7 मई को देश के 244 शहरों में एक साथ सायरन बजने वाले हैं। देहरादून ज़िला भी इनमें शामिल है। ये सायरन एक तरह का अलार्म होगा, जो हवाई हमले जैसी किसी भी इमरजेंसी से पहले लोगों को सावधान करने के लिए बजाया जाएगा। देहरादून में कल, यानी 7 मई को, युद्ध जैसी स्थिति को लेकर एक मॉक ड्रिल (अभ्यास) होगी। हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने ये तय किया है कि देश के कई हिस्सों में ऐसी तैयारियां करके देखी जाएँ ताकि अगर कभी कोई हमला हो जाए तो लोग घबराएँ नहीं और समझदारी से काम लें। इसी सिलसिले में, पूरे देश के 244 शहरों में एक साथ युद्ध के हालात वाला सायरन बजाया जाएगा। देहरादून भी उन्हीं शहरों में से एक है।
ये मॉक ड्रिल इसलिए की जा रही है ताकि लोगों को सिखाया जा सके कि अगर कोई हमला होता है तो उन्हें क्या करना चाहिए और कहाँ जाना चाहिए। ये सायरन उन जगहों पर लगाए गए हैं जहाँ भीड़ ज़्यादा होती है या जो संवेदनशील माने जाते हैं। जैसे कि सरकारी दफ़्तर, पुलिस हेडक्वार्टर, फायर स्टेशन, आर्मी के कैंप, और बड़े शहर जैसे दिल्ली और नोएडा। वहाँ इस तरह की ड्रिल का मक़सद लोगों को पहले से तैयार रखना है। ये पहली बार नहीं हो रहा है। इससे पहले भी, जब देश युद्ध के बहुत करीब पहुँचा था, तब ऐसे सायरन बज चुके हैं। 1962 में चीन के साथ युद्ध के दौरान, फिर 1965 और 1971 में पाकिस्तान से हुए युद्धों के समय, और कारगिल युद्ध के दौरान भी इन सायरनों का इस्तेमाल किया गया था। अब इतने सालों बाद फिर से जब ऐसा अभ्यास हो रहा है, तो इसे एक तरह की चेतावनी भी माना जा सकता है कि देश को किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार रहना है।




