पंजाब विधानसभा में बाढ़ पर गरमाया माहौल, स्वास्थ्य मंत्री बोले – “सीएम मान का साथ दें”

विधानसभा में बवाल और एकता की गुहार: पंजाब में बाढ़ का मंज़र-पंजाब विधानसभा में इस बार कुछ अलग ही नज़ारा देखने को मिला। एक तरफ़, विपक्ष ने जमकर हंगामा किया, वहीं दूसरी तरफ़, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बाढ़ की विभीषिका पर बात करते हुए सभी विधायकों से एकजुट होने की अपील की। उन्होंने सभी से मिलकर केंद्र सरकार से पंजाब की मदद के लिए ज़ोर डालने का आग्रह किया, ताकि बाढ़ पीड़ितों को राहत मिल सके। डॉ. सिंह ने कहा कि जिस तरह सब मिलकर “ऑपरेशन सिंदूर” में प्रधानमंत्री मोदी के साथ खड़े थे, उसी तरह अब मुख्यमंत्री भगवंत मान का साथ देना होगा।
राहत कार्यों का लेखा-जोखा-डॉ. बलबीर सिंह ने विधानसभा में बताया कि जैसे ही बाढ़ आई, सरकार की टीमें तुरंत हरकत में आ गईं। अब तक 4,740 राहत शिविर लगाए जा चुके हैं और हज़ारों लोगों का इलाज किया गया है। रावी नदी के पास बसे गाँवों से 9 गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित निकालकर उनकी डिलीवरी कराई गई। मंत्री ने बताया कि आशा वर्कर, डॉक्टर और नर्स नावों में बैठकर लोगों की मदद कर रहे थे। घर-घर दवाइयाँ पहुँचाई गईं और मच्छरों को मारने के लिए छिड़काव किया गया, ताकि डेंगू जैसी बीमारियों को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि हमारे कर्मचारियों का समर्पण वाकई काबिले-तारीफ़ है।
बाढ़: एक वैश्विक चुनौती-डॉ. बलबीर सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि बाढ़ की समस्या सिर्फ़ पंजाब तक सीमित नहीं है, बल्कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों को भी इसका सामना करना पड़ा है। उन्होंने इसे एक वैश्विक चुनौती बताते हुए कहा कि इस वक़्त सबसे ज़्यादा ज़रूरी है एकता। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग हमारे “रंगला पंजाब” मिशन को बदनाम करने में लगे हैं, जबकि सच यह है कि मुख्यमंत्री मान के नेतृत्व में पूरी टीम बाढ़ पीड़ितों के लिए दिन-रात काम कर रही है।
प्रताप सिंह बाजवा पर माफ़ी की माँग-विधानसभा में एक और मुद्दा गरमा गया। आम आदमी पार्टी के विधायक गुरप्रीत सिंह बनावली ने विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा से माफ़ी माँगने की अपील की। उन्होंने कहा कि बाजवा ने पंजाब को “कंगला” कहकर यहाँ के लोगों का अपमान किया है। गुरप्रीत सिंह ने कहा कि बाढ़ के कारण पंजाब के गाँवों में माताएँ, बहनें और युवा मुश्किल हालात में हैं और उनकी निगाहें विधानसभा पर टिकी हैं कि उनके चुने हुए प्रतिनिधि उनके लिए क्या करेंगे।
मुआवज़े के नियमों में बदलाव की ज़रूरत-बाढ़ पीड़ितों के लिए मुआवज़े पर भी चर्चा हुई। गुरप्रीत सिंह बनावली ने कहा कि अभी तक एस.डी.आर.एफ. और एन.डी.आर.एफ. के नियमों के तहत ही मुआवज़ा दिया जाता है, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए इन नियमों में बदलाव की सख्त ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि जब तक नियम नहीं बदलते, तब तक बाढ़ पीड़ितों को सही मायनों में राहत नहीं मिलेगी।




