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रुपये की चाल में हल्की मजबूती, कच्चे तेल में गिरावट और डॉलर की कमजोरी ने दिखाया असर

 रुपये की उड़ान: डॉलर की कमजोरी और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट-शुक्रवार की सुबह रुपया 86.06 पर खुला, जो अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 6 पैसे की बढ़त है। इस मजबूती के दो मुख्य कारण हैं: डॉलर का कमजोर होना और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में मामूली गिरावट। हालांकि, विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार निवेश निकालने से रुपये की तेजी पर अंकुश लगा हुआ है।

 शुरुआती तेजी, फिर मामूली गिरावट-इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया पहले 85.99 पर खुला, लेकिन बाद में 86.06 तक पहुंच गया। गुरुवार को रुपया 20 पैसे गिरकर 86.12 पर बंद हुआ था। यह मामूली सुधार गुरुवार को हुए भारी डॉलर की खरीदारी के बाद आया है, जो एक आईपीओ के सब्सक्रिप्शन और आवंटन के कारण बाजार में दिखाई दिया था। यानी, शुरुआती उत्साह के बाद थोड़ी सी मंदी भी देखने को मिली।

रिजर्व बैंक का रुख: बाजार की नजरें केंद्रीय बैंक पर-बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि रिजर्व बैंक रुपये को कमजोर होने देगा या इसे किसी सीमा तक नियंत्रित करने का प्रयास करेगा। वर्तमान में, बाजार व्यापारिक समझौतों से जुड़े अपडेट्स का इंतजार कर रहा है। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत जारी है, और इसके अंतिम परिणाम का सभी को बेसब्री से इंतजार है। केंद्रीय बैंक का फैसला अहम होगा।

 भारत-अमेरिका व्यापार समझौता: बातचीत जारी, उम्मीदें बरकरार-विदेश मंत्रालय ने बताया है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते के शेष मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत जारी है। यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान के बाद आया है कि भारत के साथ व्यापार समझौता “बहुत करीब” है। इस समझौते से दोनों देशों को फायदा होगा।

 ग्लोबल क्रूड में गिरावट: आयातकों के लिए राहत-कच्चे तेल की कीमतों में मामूली गिरावट देखी गई है। ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.14% की गिरावट के साथ 69.42 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। इससे भारत जैसे आयातक देशों को राहत मिली है और रुपये को मजबूती मिली है। कम तेल कीमतें अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर हैं।

 डॉलर इंडेक्स में गिरावट: रुपये को मिला अतिरिक्त बल-डॉलर इंडेक्स, जो छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत को मापता है, शुक्रवार को 0.29% गिरकर 98.45 पर आ गया। इससे रुपये को और मजबूती मिली है क्योंकि डॉलर के कमजोर होने से निर्यातक और आयातक दोनों को बाजार में कुछ राहत मिलती है। कमजोर डॉलर रुपये को मजबूत करता है।

 शेयर बाजार में गिरावट: बाजार में अस्थिरता का संकेत-शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार में गिरावट देखी गई। सेंसेक्स 185.67 अंकों की गिरावट के साथ 82,073.57 पर आ गया, जबकि निफ्टी 45.4 अंकों की गिरावट के साथ 25,066.05 पर पहुंच गया। इससे बाजार में मौजूदा अस्थिरता का संकेत मिलता है। बाजार में उतार-चढ़ाव जारी है।

विदेशी निवेशकों की निकासी: बाजार पर दबाव-गुरुवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने लगभग 3,694.31 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए। लगातार हो रही यह निकासी रुपये और बाजार दोनों के लिए एक चुनौती है, जिससे भारतीय बाजार में अस्थिरता बनी हुई है और निवेशकों की सतर्कता बढ़ गई है। निवेशकों की निकासी चिंता का विषय है।

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