हरियाणा बोर्ड के 18 स्कूलों का चौंकाने वाला रिजल्ट 12वीं में एक भी छात्र पास नहीं

हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (HBSE) ने 13 मई को कक्षा 12वीं का रिजल्ट जारी किया। इस बार पूरे राज्य में 85.66 फीसदी छात्र पास हुए, जो एक अच्छा आंकड़ा माना जा सकता है। लेकिन जब बोर्ड ने जिलावार और स्कूलवार प्रदर्शन का विश्लेषण किया, तो एक हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई। रिजल्ट आने के बाद बोर्ड ने यह जानने की कोशिश की कि किन स्कूलों ने अच्छा प्रदर्शन किया और किन स्कूलों में हालात खराब रहे। जब लिस्ट तैयार की गई, तो यह सामने आया कि 100 ऐसे स्कूल हैं जिनका प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा। इनमें भी सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि 18 स्कूल ऐसे हैं जहां एक भी छात्र पास नहीं हो सका।
इस आंकड़े को देखते हुए यह साफ हो गया कि भले ही राज्य का कुल रिजल्ट अच्छा रहा हो, लेकिन कुछ स्कूल ऐसे हैं जहां शिक्षा की स्थिति बेहद चिंताजनक है। ये वही स्कूल हैं जहां या तो शिक्षण व्यवस्था में भारी कमी है, या फिर छात्रों की तैयारी बिल्कुल भी नहीं हो पाई। बोर्ड की ओर से जारी खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूलों की लिस्ट में 18 स्कूल ऐसे निकले जिनका पास प्रतिशत 0 रहा। यानी इन स्कूलों में जितने भी छात्र परीक्षा में शामिल हुए, उनमें से कोई भी पास नहीं हो सका। इनमें एक स्कूल ऐसा भी था, जहां कुल 13 छात्र परीक्षा में बैठे थे और सभी फेल हो गए।यह स्थिति न सिर्फ स्कूल के लिए शर्मनाक है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है। खास बात यह रही कि इन स्कूलों में अधिकतर जगहों पर छात्र संख्या सिर्फ 1 या 2 रही, लेकिन रिजल्ट इतना खराब रहा कि वो बोर्ड की नजर में आ गए। बोर्ड अध्यक्ष डॉ. पवन कुमार ने बताया कि उन्होंने स्कूलवार डेटा का गहराई से विश्लेषण किया और पाया कि कुछ स्कूलों का पास पर्सेंटाइल 35% से भी कम रहा। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि कुछ स्कूल ऐसे हैं जहां सुधार की सख्त जरूरत है।
बोर्ड ने सौंप दी खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूलों की लिस्ट निदेशालय को – जब बोर्ड को यह पता चला कि इतने सारे स्कूलों का रिजल्ट बेहद खराब है, तो उन्होंने तुरंत एक्शन लिया। बोर्ड ने इन स्कूलों की एक लिस्ट तैयार की और उसे शिक्षा निदेशालय को सौंप दिया ताकि आगे जरूरी कदम उठाए जा सकें। इन स्कूलों के बारे में पूरी रिपोर्ट तैयार कर शिक्षा विभाग को दी गई है, जिसमें ये भी बताया गया है कि किन स्कूलों में छात्र संख्या कम थी, किन स्कूलों में एक भी छात्र पास नहीं हुआ और किन स्कूलों का पास पर्सेंटाइल 35% से भी नीचे रहा।अब निदेशालय की जिम्मेदारी है कि वह इन रिपोर्ट्स के आधार पर संबंधित स्कूलों और वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करे। इसमें उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करना, प्रदर्शन रिपोर्ट मंगवाना और भविष्य में इन स्कूलों की निगरानी करना शामिल हो सकता है।




