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शिवनवरात्रि 2025: पुणे के कीर्तनकार करेंगे महाकाल मंदिर में हरि कथा का शुभारंभ

महाकाल मंदिर में शिवनवरात्र की भक्ति गूंज, पुणे के कीर्तनकार हरि कथा से सजाएंगे महाकाल दरबार

उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल ज्योतिर्लिंग मंदिर में शिवनवरात्र की शुरुआत के साथ ही नारदीय संकीर्तन से हरि कथा का आयोजन किया जाएगा। इस बार पुणे के जाने-माने कीर्तनकार डॉ. अजय अपामार्जने महाकाल भगवान के समक्ष भक्ति कथा प्रस्तुत करेंगे। पिछले 115 वर्षों से चली आ रही इस परंपरा को इस बार एक नए कीर्तनकार निभाएंगे।

इस बार नए कीर्तनकार की एंट्री

हर साल इस पावन आयोजन में पं. रमेश कानड़कर कथा सुनाते थे, लेकिन इस बार उनके अस्वस्थ होने की वजह से यह जिम्मेदारी डॉ. अजय अपामार्जने को मिली है। महाकाल मंदिर में शिवनवरात्र और उमा सांझी महोत्सव के दौरान हरि कथा सुनाने की परंपरा काफी पुरानी है। अब तक ग्वालियर के संत ढोली बुआ और इंदौर के कानड़कर परिवार के सदस्य इसे निभाते आए हैं।

आखिरी वक्त पर बदला गया कीर्तनकार

मंदिर समिति ने पहले की तरह इस बार भी पं. रमेश कानड़कर को आमंत्रित किया था, लेकिन उनकी तबीयत बिगड़ने से अचानक नए कीर्तनकार की जरूरत पड़ गई। दो दिन की मेहनत के बाद पुणे के प्रसिद्ध डॉ. अजय अपामार्जने से संपर्क किया गया, और उन्होंने तुरंत उज्जैन आने के लिए हामी भर दी। हालांकि, इसी कारण शिवनवरात्र के पहले दिन कथा का आयोजन नहीं हो सका, लेकिन बुधवार से भक्ति संकीर्तन की शुरुआत होगी।

उज्जैन से पुराना जुड़ाव

डॉ. अजय अपामार्जने ने बातचीत में बताया कि उनका परिवार आठ पीढ़ियों से नारदीय संकीर्तन और कथा वाचन कर रहा है। उनके पिता और दादा उज्जैन में ही रहते थे, लेकिन बाद में परिवार पुणे में बस गया। अब उन्हें अपने पूर्वजों की परंपरा को निभाने का सौभाग्य मिला है।

महाशिवरात्रि की तैयारियां जोरों पर

इस बीच महाशिवरात्रि को लेकर महाकाल मंदिर प्रशासन पूरी तरह से तैयारियों में जुटा हुआ है। इस पर्व के दौरान मंदिर परिसर में प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और जरूरी दवाइयों की व्यवस्था की जाएगी। इमरजेंसी एंबुलेंस की सुविधा भी रखी जाएगी, ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके।

इसके अलावा, मंदिर मार्ग और शिप्रा नदी के घाटों के आसपास मधुमक्खी के छत्तों को हटाने का काम भी जारी है।

कलेक्टर ने दिए सख्त निर्देश

महाशिवरात्रि की व्यवस्थाओं को लेकर कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने प्रशासनिक बैठक में अधिकारियों को खास निर्देश दिए।

🔹 मंदिर में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के आदेश
🔹 शक्ति पथ को साफ-सुथरा कर पेंट करवाने की हिदायत
🔹 भक्तों की सुविधा के लिए बैरिकेडिंग की व्यवस्था
🔹 नीलकंठ द्वार पर दिव्यांग भक्तों के लिए विशेष प्रवेश की व्यवस्था
🔹 काल भैरव मंदिर में भीड़ नियंत्रण के लिए अतिरिक्त अधिकारियों की तैनाती

श्रद्धा और आस्था का उत्सव

हर साल शिवनवरात्रि और महाशिवरात्रि के मौके पर लाखों श्रद्धालु महाकाल बाबा के दर्शन और हरि कथा संकीर्तन का आनंद लेने उज्जैन आते हैं। इस बार भी महाकाल नगरी में भक्ति और श्रद्धा का अद्भुत माहौल देखने को मिलेगा।

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