महाकाल की सवारी पर स्कूल बंद, सियासत गरमाई: कांग्रेस ने उठाए सवाल, BJP ने दिया करारा जवाब

महाकाल की सवारी: स्कूल बंद और राजनीतिक बवाल!-उज्जैन में महाकालेश्वर की शाही सवारी के दिन स्कूलों की छुट्टी का फैसला, राजनीतिक गरमाहट का कारण बन गया है। कलेक्टर ने बच्चों की सुरक्षा और यातायात को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया, लेकिन रविवार को स्कूल खोलकर छुट्टी की भरपाई करने का प्रावधान विवादों को जन्म दे रहा है।
कांग्रेस का आरोप: संविधान की धज्जियाँ?-कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने इस फैसले को संविधान के खिलाफ बताया है। उनका कहना है कि ये सालों पुरानी परंपरा है, जिसमें सभी धर्मों के लोग शामिल होते हैं। सिर्फ़ एक धार्मिक आयोजन के लिए स्कूलों की छुट्टी बदलना, तटस्थ शासन के खिलाफ है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या दूसरे धर्मों की मांग पर भी ऐसा ही होगा?
बीजेपी का पलटवार: बच्चों की सुरक्षा और यातायात-भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने मसूद के बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा कि ये फैसला बच्चों की सुविधा और बेहतर यातायात व्यवस्था के लिए है, न कि किसी खास धर्म को बढ़ावा देने के लिए। शर्मा ने मसूद से संयम से बात करने की अपील की।
धार्मिक आस्था और प्रशासनिक फैसला: एक नई बहस-ये विवाद धार्मिक आस्था और प्रशासनिक फैसले के बीच एक नई बहस छेड़ रहा है। कुछ लोग इसे परंपरा से जोड़ते हैं, तो कुछ इसे धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ मानते हैं। भाजपा समर्थन कर रही है, जबकि कांग्रेस इसे भेदभावपूर्ण और राजनीतिक फ़ायदा उठाने वाला कदम बता रही है। आगे क्या होता है, ये देखना बाकी है।



