
पंजाब में बाढ़ का कहर: जब प्रकृति ने बरपाया ज़हर, किसानों की उम्मीदों पर फिरा पानी!
बाढ़ का विकराल रूप: लाखों हेक्टेयर फसल बर्बाद-हाल ही में पंजाब राज्य भयंकर बाढ़ की चपेट में आ गया है, जिससे भारी तबाही मची है। लगभग 1400 से भी ज़्यादा गाँव पानी में डूब गए हैं और करीब 1,48,590 हेक्टेयर खेत में खड़ी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं। सबसे बुरा असर धान की फसल पर पड़ा है, जिसने पंजाब की कृषि पर निर्भर अर्थव्यवस्था को गहरा सदमा पहुँचाया है। किसानों की सालों की मेहनत पर पानी फिर जाने से उनकी चिंताएं और भी बढ़ गई हैं।
महासमुंद के बच्चों की नेक पहल: छोटी उम्र, बड़ा दिल!-इस मुश्किल घड़ी में छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के मर्हिष विद्या मंदिर स्कूल के बच्चों ने इंसानियत की एक खूबसूरत मिसाल पेश की है। पहली से बारहवीं कक्षा तक के 853 बच्चों ने मिलकर 11,001 रुपये की राशि जुटाई। यह पैसा उन्होंने कलेक्टर को सौंपा ताकि इसे बाढ़ से प्रभावित लोगों तक पहुँचाया जा सके। यह दिखाता है कि कैसे छोटे बच्चे भी बड़े जज़्बे के साथ दूसरों की मदद कर सकते हैं।
सेवा की भावना: बच्चों ने दिखाई समझदारी-बच्चों ने कहा कि भले ही वे खुद पंजाब जाकर मदद नहीं कर सकते, लेकिन इस आर्थिक सहयोग से वे पीड़ितों तक राहत पहुँचा सकते हैं। उनकी यह सोच वाकई काबिले-तारीफ है, जो यह साबित करती है कि कम उम्र में भी समाज सेवा की भावना कितनी गहरी हो सकती है। यह कदम हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है कि मुश्किल समय में एक-दूसरे का साथ देना कितना ज़रूरी है।
स्कूल का योगदान: संस्कारों की मिसाल-स्कूल के प्राचार्य ने भी बच्चों की इस पहल की खूब सराहना की। उन्होंने कहा कि पंजाब में आई इस प्राकृतिक आपदा ने जान-माल का भारी नुकसान किया है। ऐसे समय में हर किसी को आगे बढ़कर मदद करनी चाहिए। इसी सोच के साथ बच्चों ने मिलकर यह आर्थिक सहायता राशि भेजी है। यह बच्चों के अच्छे संस्कार और उनकी सामाजिक ज़िम्मेदारी को दर्शाता है, जो समाज के लिए एक सीख है।





