
पंजाब विधानसभा में बवाल: पार्टी फंड के नाम पर वसूली के आरोप पर सत्ता और विपक्ष में तकरार
चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा में बुधवार को पावरकॉम के अधिकारियों पर पार्टी फंड के नाम पर पैसे मांगने के आरोपों को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। मामला इतना गरमाया कि इसकी जांच के लिए हाउस कमेटी या न्यायिक कमेटी गठित करने की मांग उठी।
स्पीकर ने जांच की मांग को टाला
लंबी बहस के बाद विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवा ने जांच की मांग को खारिज करते हुए कहा कि पहले से ही कई कमेटियां बनी हुई हैं, जो सरकार के कामकाज की निगरानी करती हैं। उन्होंने विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा से कहा कि अगर उन्हें अपनी बात रखनी है तो इसे पिटीशन कमेटी के सामने रखें।
बाजवा का आरोप: विजिलेंस ने दर्ज किया केस
शून्यकाल के दौरान विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आरोप लगाया कि पावरकॉम के एक संगठन ने अधीनस्थ अधिकारियों से पार्टी फंड के नाम पर ₹50,000 की मांग की थी। इस मामले की शिकायत के बाद विजिलेंस ने केस भी दर्ज किया है। बाजवा ने मांग की कि इसकी जांच विधानसभा की हाउस कमेटी या फिर न्यायिक जांच से कराई जाए।
बिजली मंत्री का पलटवार
बाजवा के आरोपों पर बिजली मंत्री भड़क गए। उन्होंने विपक्ष को घेरते हुए कहा कि जब बाजवा खुद निर्माण मंत्री थे, तब उनके विभाग में तारकोल घोटाला हुआ था। इस मामले में 18 लोगों के नाम सामने आए थे, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अमन अरोड़ा का जवाब: जांच के लिए तैयार
मामला बढ़ता देख पार्टी के प्रधान अमन अरोड़ा बिजली मंत्री के बचाव में आ गए और विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि अगर वे चाहें तो हाउस कमेटी या किसी भी तरह की जांच करवा सकते हैं, वे पूरी तरह से इसके लिए तैयार हैं। उन्होंने बताया कि बिजली मंत्री के पास दो ऐसे मामले आए थे, जिनमें पैसों की लेन-देन की बात हुई थी। उन्होंने खुद हस्तक्षेप कर संबंधित लोगों से पैसे वापस करवाए और केस दर्ज कराने की भी चेतावनी दी। अरोड़ा ने अमृतसर के एक व्यापारी का जिक्र किया, जिसने काम करवाने के लिए किसी बिचौलिए को ₹7 लाख दिए थे। उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह के भ्रष्टाचार पर सख्त कदम उठा रही है और किसी भी गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।