मध्यप्रदेश
Trending

सोरायसिस पर देश के चार बड़े कॉलेजों में रिसर्च, जबलपुर का महाविद्यालय भी शामिल

जबलपुर: सोरायसिस के इलाज पर बड़ा आयुर्वेदिक शोध, जबलपुर समेत चार बड़े कॉलेज कर रहे अध्ययन आयुर्वेदिक रिसर्च में जबलपुर की अहम भूमिका जबलपुर। त्वचा रोग सोरायसिस के प्रभावी इलाज की खोज के लिए केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद (CCRAS), दिल्ली ने देश के चार प्रमुख आयुर्वेद कॉलेजों को इस रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए चुना है। इनमें जबलपुर का शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय भी शामिल है। गुजरात के दो और कर्नाटक के एक आयुर्वेद कॉलेज के साथ जबलपुर का यह संस्थान अगले तीन साल तक सोरायसिस के इलाज और उसके प्रभावों पर शोध करेगा। इस अध्ययन में सोरायसिस से पीड़ित मरीजों को 180 दिनों तक आयुर्वेदिक दवाएं दी जाएंगी और उनके असर को परखा जाएगा। साथ ही, नए और कारगर आयुर्वेदिक उपचारों की भी खोज की जाएगी। 120 मरीजों पर किया जा रहा अध्ययन शोध कार्य की निगरानी प्राचार्य डॉ. एल.एल. अहिरवार कर रहे हैं, जबकि प्रमुख शोधकर्ता के रूप में डॉ. पंकज मिश्रा और सहायक शोधकर्ता डॉ. मनीष नेमा व डॉ. भारती बिसेन इस रिसर्च में शामिल हैं। अध्ययन के लिए 120 मरीजों को चुना गया है।

इन मरीजों को नियमित रूप से आयुर्वेदिक औषधियां दी जा रही हैं और उनके स्वास्थ्य में आ रहे बदलावों को डॉक्टर्स बारीकी से देख रहे हैं। इसके बाद मरीजों की स्क्रीनिंग की जाएगी और दवाओं के असर का पूरा आंकलन कर रिपोर्ट CCRAS, दिल्ली को भेजी जाएगी। क्या है सोरायसिस? और क्यों है इसका इलाज जरूरी? सोरायसिस एक गैर-संक्रामक त्वचा रोग है, जो शरीर की ऑटोइम्यून स्थिति से जुड़ा होता है। इसमें त्वचा पर लाल धब्बे, सफेद परतदार खुजली, पपड़ीदार पैच और जलन जैसी समस्याएं होती हैं। इस बीमारी में त्वचा की कोशिकाएं सामान्य से ज्यादा तेजी से बढ़ती हैं, जिससे प्रभावित हिस्सों की त्वचा बार-बार उखड़ने लगती है। यदि इसका सही समय पर इलाज न किया जाए, तो यह शरीर के कुछ खास हिस्सों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। आयुर्वेद के अनुसार सोरायसिस के कारण

आयुर्वेद विशेषज्ञों का मानना है कि सोरायसिस शरीर में वात और कफ दोषों के असंतुलन के कारण होता है। इसके कुछ मुख्य कारण हैं: अनहेल्दी खान-पान – ज्यादा दही, बहुत अधिक नमक और तले-भुने खाने का सेवन
शरीर में विषाक्त पदार्थों का जमाव
मानसिक तनाव और अनियमित दिनचर्या इस शोध का मकसद आयुर्वेदिक चिकित्सा को और प्रभावी बनाना और सोरायसिस जैसी जटिल बीमारी के लिए लंबे समय तक काम करने वाला समाधान खोजना है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button