मध्य प्रदेश में बारिश का कहर: 19 जिलों में रेड अलर्ट, बाढ़ और जलभराव का खतरा बढ़ा

मध्य प्रदेश में मानसून का कहर: भारी बारिश का अलर्ट जारी!-मध्य प्रदेश में मानसून ने दस्तक दे दी है, और साथ ही भारी बारिश की चेतावनी भी! मौसम विभाग ने कई जिलों में भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त-पूर्वी और मध्य मध्य प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने 19 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। लगातार बारिश से कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।
बंगाल की बेरुखी: सिस्टम मध्य प्रदेश में सक्रिय-
गंगीय पश्चिम बंगाल से आया एक निम्न दबाव का क्षेत्र झारखंड और छत्तीसगढ़ होते हुए मध्य प्रदेश में पहुँच गया है। इस सिस्टम के चलते 11 से 14 जुलाई के बीच भारी बारिश की संभावना है। कई जगहों पर 8 इंच तक बारिश होने का अनुमान है, जिससे नदियों में पानी का स्तर बढ़ सकता है और निचले इलाकों में जलभराव हो सकता है।
ये जिले हैं सबसे ज्यादा खतरे में-कुल 19 जिले भारी बारिश के खतरे से जूझ रहे हैं। इनमें जबलपुर, सागर, सतना, पन्ना, रीवा, विदिशा, रायसेन, दमोह, बालाघाट, मंडला, सिवनी, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, उमरिया, शहडोल, सिंगरौली और डिंडोरी शामिल हैं। इन इलाकों में तेज हवाओं, बिजली गिरने और मूसलाधार बारिश की आशंका है।
बाढ़ का खतरा, बढ़ रहा जलस्तर-मंडला, नरसिंहपुर और जबलपुर में पहले से ही बाढ़ जैसे हालात हैं। नर्मदा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे कई पुल-पुलिया पानी में डूब रहे हैं। इससे यातायात बाधित हो रहा है और कई रास्ते बंद कर दिए गए हैं।
किसानों के लिए दोधारी तलवार-इस बार मानसून ने सामान्य से 74% ज्यादा बारिश की है, जिससे किसानों को फायदा हो सकता है। लेकिन, लगातार भारी बारिश से फसलों को भी नुकसान पहुँच सकता है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों और जलमग्न इलाकों से दूर रहें और मौसम विभाग के निर्देशों का पालन करें।




