
चंडीगढ़ बीजेपी में नई टीम की तैयारी, नेताओं में जोर-आजमाइश तेज
चंडीगढ़ में बीजेपी की नई प्रदेश कार्यकारिणी बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसे लेकर नेताओं में अपनी-अपनी दावेदारी पक्की करने की होड़ मच गई है। इस वजह से पार्टी के अंदर गुटबाजी भी बढ़ने लगी है। इस बार संगठन में बड़े बदलाव होने के आसार हैं, जहां अनुभवी नेताओं के साथ-साथ युवाओं और नए चेहरों को भी मौका मिल सकता है। पार्टी हाईकमान से मंजूरी मिलने के बाद अगले महीने नई कार्यकारिणी का ऐलान कर दिया जाएगा। वहीं, कुछ पुराने पदाधिकारियों को हटाया जाना लगभग तय माना जा रहा है।
नगर निगम चुनाव को ध्यान में रखकर बनाई जाएगी कार्यकारिणी
बीजेपी इस बार नगर निगम चुनाव को ध्यान में रखते हुए संगठन को नए सिरे से तैयार कर रही है। पिछले चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था, जहां 35 में से सिर्फ 12 सीटें ही मिल पाई थीं। वहीं, लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस-आप गठबंधन ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी। ऐसे में पार्टी इस बार संगठन को और मजबूत करने की तैयारी में है और उन कार्यकर्ताओं को आगे लाने की योजना बना रही है, जिन्होंने मेहनत करके पार्टी को मजबूती दी है।
पार्टी में बढ़ी गुटबाजी, हर नेता अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटा
इस साल 14 जनवरी को जितेंद्र मल्होत्रा को दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। अब उनके नेतृत्व में कार्यकारिणी बननी है, लेकिन हर गुट अपने समर्थकों को संगठन में शामिल कराने की कोशिश कर रहा है। इस वक्त पार्टी में संजय टंडन, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद, पूर्व सांसद किरण खेर और सत्यपाल जैन के अलग-अलग गुट बने हुए हैं। वहीं, राज्यसभा सांसद सतनाम संधू की सक्रियता बढ़ने से कई नेता और कार्यकर्ता उनके साथ जुड़ने लगे हैं।
महासचिव पद के लिए जबरदस्त रस्साकशी
प्रदेश कार्यकारिणी में सबसे ज्यादा खींचतान महासचिव पद को लेकर हो रही है। बीजेपी में अध्यक्ष के बाद यह सबसे अहम पद माना जाता है, क्योंकि पार्टी के रोजमर्रा के संचालन की जिम्मेदारी महासचिवों के पास होती है। संविधान के मुताबिक, प्रदेश में दो महासचिव बनाए जाते हैं। इस बार इस पद के लिए पूर्व मेयर रविकांत शर्मा, शक्तिदेव शाली, अमित जिंदल, संजीव राणा और अवि भसीन जैसे कई नाम सामने आ रहे हैं।
नए चेहरों को मिल सकता है मौका
इससे पहले बीजेपी ने जिला अध्यक्षों को बदलकर सभी जगह नए चेहरे उतारे थे। ऐसे में प्रदेश कार्यकारिणी में भी नए लोगों को शामिल करने की संभावना है। वहीं, कुछ पूर्व जिला अध्यक्ष अब तक किसी पद पर नहीं हैं, जिससे वे भी नई जिम्मेदारी की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
अन्य पदों पर भी होंगे बदलाव
प्रदेश कार्यकारिणी में छह उपाध्यक्ष, छह प्रदेश सचिव, कोषाध्यक्ष, प्रवक्ता, सह-प्रवक्ता और कार्यालय सचिव भी बनाए जाएंगे। इसके अलावा करीब 100 कार्यकारिणी सदस्य नामित किए जाएंगे। साथ ही महिला मोर्चा और युवा मोर्चा के अध्यक्ष की भी नियुक्ति होगी।
कांग्रेस और आप भी संगठन में बदलाव की तैयारी में
बीजेपी के अलावा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी अपनी रणनीति को मजबूत करने में जुटी हुई हैं। आम आदमी पार्टी ने मेयर चुनाव से पहले ही अपने संगठन में फेरबदल कर लिया है। वहीं, कांग्रेस भी जल्द अपनी प्रदेश कार्यकारिणी में बदलाव करने की योजना बना रही है।
बीजेपी पार्षदों में भी नाराजगी
बीजेपी का मेयर बनने के बावजूद नगर निगम को प्रशासन से अतिरिक्त फंड नहीं मिल पा रहा है। इस वजह से विपक्ष के साथ-साथ खुद बीजेपी के पार्षद भी प्रशासन के रवैये पर सवाल उठा रहे हैं। ऐसे में पार्टी के लिए नई कार्यकारिणी बनाना और आंतरिक मतभेदों को सुलझाना एक बड़ी चुनौती साबित होने वाला है।