“सीजफायर पर गरमाई सियासत: भोपाल में लगे इंदिरा गांधी के पोस्टर, कांग्रेस बोली- ‘India Misses Indira'”

मध्य प्रदेश में सीजफायर: कांग्रेस का इंदिरा गांधी के ज़रिए बीजेपी पर तंज- भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर मध्य प्रदेश की सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने बिना सीधे हमला किए, इंदिरा गांधी के पोस्टरों से बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है।
इंदिरा गांधी: एक मिसाल- भोपाल के कांग्रेस कार्यालय के बाहर लगे पोस्टरों पर लिखा है, “इंदिरा गांधी होना आसान नहीं, India Misses Indira”। यह पोस्टर सीधे तौर पर सरकार की पाकिस्तान नीति पर सवाल उठाता है। इस रणनीति ने न केवल लोगों का ध्यान खींचा, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। कांग्रेस का यह कदम सीजफायर के बाद पाकिस्तान की हरकतों पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करने का एक तरीका है।
सीजफायर के बाद पाकिस्तान की हरकतें- हाल ही में हुए सीजफायर समझौते के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने संघर्ष विराम तोड़ दिया। इस घटना ने कांग्रेस को इंदिरा गांधी के नेतृत्व और उनके द्वारा 1971 में दिखाए गए साहस की याद दिला दी है। कांग्रेस का मानना है कि वर्तमान सरकार को इंदिरा गांधी के दृढ़ नेतृत्व से सीख लेनी चाहिए।
1971 का युद्ध और इंदिरा गांधी का नेतृत्व- 1971 के युद्ध के दौरान, लाखों बांग्लादेशी शरणार्थी भारत आए थे। इंदिरा गांधी ने न केवल उन्हें शरण दी, बल्कि उनकी देखभाल का भी पूरा इंतज़ाम किया। उनके नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ निर्णायक कदम उठाया, जिससे बांग्लादेश का जन्म हुआ। कांग्रेस इस घटना को आज के संदर्भ में प्रासंगिक बताते हुए सरकार की नीतियों पर सवाल उठा रही है।
एक मज़बूत नेतृत्व की ज़रूरत- कांग्रेस का मानना है कि वर्तमान सरकार को इंदिरा गांधी के नेतृत्व से प्रेरणा लेनी चाहिए। उनका कहना है कि नेतृत्व सिर्फ़ समझौते करने से नहीं, बल्कि सही समय पर साहसिक फ़ैसले लेने से बनता है। भोपाल में लगे पोस्टर इसी संदेश को ज़ोरदार तरीके से सामने लाते हैं। यह राजनीतिक बहस आगे और तेज होने की उम्मीद है।




