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उत्तराखंड में राजस्व बढ़ाने को नई योजना, तकनीक और ईको टूरिज्म पर जोर

 उत्तराखंड का राजस्व: नई रणनीति और बड़े लक्ष्य!-मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने राज्य के राजस्व को बढ़ाने के लिए एक नई रणनीति तैयार करने का ऐलान किया है। इस रणनीति में न सिर्फ़ पुराने तरीकों में सुधार किया जाएगा, बल्कि नए-नए तरीकों और तकनीक का भी भरपूर इस्तेमाल होगा। यह एक बड़ा कदम है, जिससे उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने में मदद मिलेगी।

वन विभाग को मिले ख़ास निर्देश-वन विभाग को नए राजस्व के रास्ते तलाशने और जड़ी-बूटियों की खेती से होने वाली कमाई को बढ़ाने के लिए स्पष्ट लक्ष्य तय करने को कहा गया है। कार्बन क्रेडिट और ईको टूरिज्म को भी राजस्व बढ़ाने के लिए अहम माना जा रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि इन क्षेत्रों से होने वाली आय में बढ़ोतरी हो। इसके लिए वन विभाग को एक विस्तृत योजना बनानी होगी, जिसमें इन सभी पहलुओं को शामिल किया जाए। जैसे, जड़ी-बूटियों की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रशिक्षण देना, कार्बन क्रेडिट के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संपर्क करना, और ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराना।

 ईको टूरिज्म और ऑनलाइन टिम्बर बिक्री पर ज़ोर-मुख्य सचिव ने ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया है। उनका मानना है कि इससे राज्य की आय में काफी इज़ाफ़ा होगा। साथ ही, लकड़ी की बिक्री को ऑनलाइन करने का फैसला लिया गया है, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और राजस्व में बढ़ोतरी हो। ऑनलाइन बिक्री से वन विभाग की कार्यप्रणाली में भी सुधार आएगा और भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी। इसके लिए एक पारदर्शी और सुरक्षित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाना होगा, जहाँ लकड़ी की बिक्री की पूरी जानकारी दर्ज हो। इससे खरीदारों और विक्रेताओं दोनों को लाभ होगा।

 वन निगम और खनन विभाग के लिए महत्वपूर्ण निर्देश-वन निगम को अपने काम के दायरे में एक हज़ार मीटर से ऊपर के क्षेत्रों को भी शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं। खनन विभाग को अपने अधूरे कामों को अक्टूबर से पहले पूरा करने को कहा गया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं कि सभी काम समय पर पूरे हों और राजस्व में कोई कमी न आए। इसके लिए वन निगम और खनन विभाग को अपनी योजनाओं और कार्यक्रमों में बदलाव करने होंगे, ताकि वे अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकें।

 तकनीक का इस्तेमाल और पारदर्शिता-मुख्य सचिव ने सभी विभागों से अपील की है कि वे पारदर्शिता लाने के लिए सर्विलांस सिस्टम और सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल बढ़ाएँ। जीएसटी संग्रह का क्षेत्रवार विश्लेषण करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि इसमें सुधार किया जा सके। परिवहन विभाग की एएनपीआर प्रणाली को वन विभाग के साथ जोड़ने की योजना भी है। इससे विभिन्न विभागों के बीच बेहतर तालमेल बनेगा और राजस्व संग्रह में सुधार आएगा। इसके लिए विभागों को एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना होगा और आधुनिक तकनीक का भरपूर उपयोग करना होगा।

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