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“मेरा जीना ही गलत है…” बीएससी छात्रा ने छोड़ा इमोशनल सुसाइड नोट, फिर लगा दी मौत की छलांग

मऊगंज: बीएससी की छात्रा ने सुसाइड नोट में लिखा – “अब जीना नहीं चाहती, दुनिया से हो गया मन ऊब” “मैं इस दुनिया को छोड़कर जा रही हूं। अब जीने की इच्छा नहीं रही। अगर आप लोग मुझे माफ कर सकें, तो कर देना। मैं बस इतने दिनों के लिए ही आई थी, आज मेरी आखिरी रात है।”यह दर्द भरा सुसाइड नोट मऊगंज के बहुती जलप्रपात के पास मिला, जहां बीएससी प्रथम वर्ष की एक छात्रा ने छलांग लगा दी। शनिवार को उसका शव करीब 500 फीट नीचे चट्टानों में फंसा मिला।

कॉलेज के लिए निकली थी, फिर नहीं लौटी

छात्रा रतनगवा गांव की रहने वाली थी। शुक्रवार की सुबह वह घर से कॉलेज जाने की बात कहकर निकली थी, लेकिन देर रात तक वापस नहीं आई। परिवार ने उसे ढूंढने की कोशिश की, जब कुछ पता नहीं चला तो मऊगंज थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

रात में बहन के पास आया रहस्यमय फोन

रात में अचानक छात्रा की बहन के पास एक अनजान नंबर से कॉल आया। फोन पर एक युवक ने कहा, “वो तो चली गई, अब हम भी चले जाएंगे।” यह सुनकर परिवार घबरा गया।

सुबह बैग मिला, फिर हुआ बड़े हादसे का खुलासा

शनिवार की सुबह जलप्रपात के पास कुछ ग्रामीणों को एक बैग पड़ा दिखा। बैग में छात्रा का पता और एक सुसाइड नोट था। उसमें लिखा था कि वह दुनिया से ऊब चुकी है और अपने माता-पिता से माफी मांग रही है।

कपड़ों से हुई बेटी की पहचान

ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। थोड़ी देर बाद छात्रा के पिता नंदलाल विश्वकर्मा मौके पर पहुंचे। तलाश के दौरान उन्हें चट्टानों के बीच बेटी के कपड़े दिखे। जब पास जाकर देखा, तो बेटी का शव मिला। पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से शव को बाहर निकाला और मामले की जांच शुरू कर दी। थाना प्रभारी जगदीश सिंह ठाकुर ने बताया कि “प्रारंभिक जांच में यह सुसाइड का मामला लग रहा है। छात्रा ने जलप्रपात में छलांग लगाई है।”

सुसाइड नोट में लिखा – “मेरा अंतिम संस्कार भी नहीं कर पाओगे”

सुसाइड नोट में छात्रा ने आगे लिखा,
“मेरे मरने की वजह घर का कोई मामला नहीं है। बल्कि कुछ और है। मम्मी-पापा, आप ही मेरी दुनिया हो, लेकिन मैं अपने कर्मों की वजह से जा रही हूं। मेरा अंतिम संस्कार करने के लिए भी मेरी लाश नहीं मिलेगी।”

घर से किराया लेकर निकली थी बेटी

पिता नंदलाल ने बताया कि बेटी ने शुक्रवार को घर में पूजा करने के बाद खाना खाया था। जब वह कॉलेज के लिए निकली, तो उन्होंने पूछा – “किराया है न?” बेटी ने कहा, “हां, है,” फिर भी उन्होंने 50 रुपये दिए। लेकिन दोपहर 2 बजे तक जब वह घर नहीं लौटी, तो पिता ने फोन किया, पर कॉल नहीं उठी। उन्होंने सोचा कि शायद वह कॉलेज में होगी। जब दोबारा फोन मिलाया, तब भी कोई जवाब नहीं मिला। परिवार ने उसकी सहेलियों से भी बात की, लेकिन किसी को कुछ पता नहीं था। फिर वे सीधे कॉलेज पहुंचे, जहां चपरासी और अन्य स्टाफ ने बताया कि “सभी छात्र घर जा चुके हैं।” इसके बाद परिवार ने तुरंत मऊगंज थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

पुलिस जांच में जुटी, परिवार सदमे में

फिलहाल पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है। छात्रा की मौत की असली वजह क्या थी, यह अभी साफ नहीं हुआ है। परिवार और गांव के लोग इस घटना से सदमे में हैं।

 

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