
छत्तीसगढ़ में मॉकड्रिल: आज शाम 7:30 बजे के बाद 15 मिनट के लिए सब कुछ थम जाएगा, कुछ चीज़ों पर रोक
दुर्ग। पूरे देश में, लोगों की सुरक्षा को और बेहतर बनाने के लिए, सरकार ने आज, 7 मई को एक बड़ा अभ्यास (मॉकड्रिल) करने का फैसला किया है। इस अभ्यास के लिए छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले को चुना गया है। इसके तहत भिलाई के सेक्टर-1 और सेक्टर-9 में शाम 7:30 बजे से 7:45 बजे तक पूरे 15 मिनट के लिए अंधेरा (ब्लैकआउट) किया जाएगा। दुर्ग के कलेक्टर ने कहा है कि इस दौरान अस्पतालों जैसी ज़रूरी सेवाओं को छोड़कर, बाकी सभी जगहों की बिजली बंद रहेगी। उस समय कोई भी जनरेटर, इन्वर्टर, इमरजेंसी लाइट या मोबाइल की टॉर्च का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। सड़क पर चल रहे वाहनों को भी रोक दिया जाएगा और उनकी लाइटें बंद करनी होंगी।
इस मॉकड्रिल का मतलब क्या है?
इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य यह देखना है कि किसी भी मुश्किल स्थिति में लोग और प्रशासन कितना तैयार हैं। मॉकड्रिल आज शाम 4 बजे “रेड अलर्ट” सायरन बजने से शुरू होगी और यह तब तक चलेगी जब तक “ऑल क्लियर” का सायरन नहीं बज जाता। लोगों से कहा गया है कि वे घबराएँ नहीं, यह सिर्फ एक अभ्यास है और इसमें सहयोग करें।
मॉकड्रिल में क्या-क्या होगा?
7 मई को शाम 4 बजे से लोगों को एक आपातकालीन स्थिति का एहसास कराया जाएगा, जो कि “ऑल क्लीयर” सायरन तक चलेगा। जब “रेड अलर्ट” सायरन बजेगा, तभी से यह अभ्यास शुरू हो जाएगा। मॉकड्रिल के दौरान लोगों से कहा गया है कि वे अपने घरों में सुरक्षित जगह पर खड़े हो जाएँ या ज़मीन पर लेट जाएँ। अगर लेट रहे हों तो अपने दाँतों के बीच एक कपड़ा या रुमाल दबा लें और दोनों कानों को हाथों से ढक लें। अगर टेबल है तो उसके नीचे भी छिप सकते हैं। जो लोग उस समय सड़क पर हों, उन्हें कहा गया है कि वे ज़मीन पर लेट जाएँ, मुँह में कपड़ा या रुमाल दबाएँ और हाथों से कान ढक लें। जो लोग गाड़ी चला रहे हों, वे तुरंत गाड़ी को किनारे लगाकर उसकी सारी लाइटें बंद कर दें और गाड़ी से निकलकर सड़क पर लेट जाएँ। इस पूरे अभ्यास के दौरान आपातकालीन स्थितियों जैसी स्थिति बनाई जाएगी ताकि तैयारियों का अच्छे से जायजा लिया जा सके।
ब्लैकआउट मॉकड्रिल की खास बात
शाम 7:30 से 7:45 बजे तक भिलाई के सेक्टर और प्लांट इलाके में खास तौर पर “ब्लैकआउट मॉकड्रिल” की जाएगी। जैसे ही “रेड अलर्ट” सायरन बजेगा, लोगों को अपने घर, दुकान, दफ्तर या किसी भी संस्थान की सारी लाइटें बंद करनी होंगी। सड़कों पर चल रहे वाहन भी उसी समय रोकने होंगे और उनकी हेडलाइट और बैकलाइट बंद करनी होगी। जब “ग्रीन अलर्ट” सायरन बजेगा, यानी एक सीधी सी आवाज़ में बजने वाला सायरन, तो इसका मतलब होगा कि अब सब ठीक है और लाइटें वापस चालू की जा सकती हैं।
घबराएँ नहीं, सहयोग करें
लोगों से खास तौर पर कहा गया है कि मॉकड्रिल एक सामान्य तैयारी है और इसका मकसद लोगों को सतर्क बनाना है, डराना नहीं। इसलिए किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें और घबराएँ नहीं। इस दौरान आपकी बाकी सारी दिनचर्या वैसी ही चलती रहेगी, बस थोड़ी देर के लिए यह अभ्यास किया जाएगा।
क्या आपको इस बारे में और कुछ जानना है?




