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अप्रैल से ही मिलेगा मंत्रालय कर्मियों को बढ़ा हुआ भत्ता, MP सरकार का फैसला

भोपाल (MP न्यूज़): मध्य प्रदेश में मंत्रालय में काम करने वाले कर्मचारियों को अप्रैल की सैलरी में बढ़ा हुआ भत्ता मिलेगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने मंगलवार को सचिवालय यानी मंत्रालय भत्ते को बढ़ाने का आदेश जारी किया है। इस फैसले से लगभग 1500 कर्मचारियों को सीधा लाभ होगा। ध्यान देने वाली बात यह है कि यह भत्ता 2013 के बाद से अब तक नहीं बढ़ाया गया था। वित्त विभाग की चूक: गाड़ी भत्ता और दिव्यांग भत्ते का आदेश रह गया

राज्य सरकार ने 1 अप्रैल 2025 को हुई कैबिनेट बैठक में कई भत्तों को बढ़ाने की मंजूरी दी थी, जिनमें शामिल हैं:

गृह भाड़ा भत्ता
स्थायी यात्रा भत्ता
अनुग्रह भत्ता
दोहरे कार्य का भत्ता
गैर-पेशेवर वाहन भत्ता
विकलांग भत्ता

इसके बाद वित्त विभाग ने 3 अप्रैल को इनमें से लगभग सभी भत्तों को बढ़ाने का आदेश तो जारी कर दिया, लेकिन गाड़ी भत्ता और दिव्यांग भत्ता को बढ़ाने का आदेश देना भूल गए। इस चूक के कारण अब यह चिंता है कि अप्रैल की सैलरी में ये दो भत्ते शामिल नहीं हो पाएंगे। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री उमाशंकर तिवारी ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि अप्रैल का महीना खत्म होने वाला है और 13 साल से जो भत्ते नहीं बढ़े थे, उनका पूरा लाभ अब भी नहीं मिल रहा। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से अपील की है कि वे जल्द से जल्द इन दोनों भत्तों के आदेश भी जारी करवाएं ताकि कर्मचारियों को उनका हक मिल सके।

कर्मचारियों की आस्था: सुंदरकांड से शुरू हुआ बदलाव मंत्रालय सेवा अधिकारी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने सचिवालय भत्ते का आदेश जारी होने पर हनुमान जी महाराज और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि जब लंबे समय तक कोई सुनवाई नहीं हुई, तो उन्होंने हनुमान मंदिर में जाकर मांगपत्र को भगवान के चरणों में रखा और सुंदरकांड का पाठ किया। सुधीर नायक का मानना है कि इसके बाद ही कर्मचारियों की समस्याओं का हल निकलना शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि अब जल्दी ही पदोन्नतियां भी होंगी। उन्होंने यह भी बताया कि लंबित भत्तों की समीक्षा की गई है, गृह भाड़ा भत्ता बढ़ाया गया है और अब सचिवालय भत्ते का आदेश भी जारी हो गया है। संघ ने यह निर्णय लिया है कि जब पदोन्नति का आदेश भी आ जाएगा, तब सभी आदेशों को हनुमान जी के चरणों में समर्पित किया जाएगा और बाकी बची मांगों के लिए फिर से सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा।

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