दिल्ली

देश के नागरिकों के जीवन को आसान बनाना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकताः प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुबह बिहार के दरभंगा कार्यक्रम से पहले सरकार की प्राथमिकता को सामने रखा है। उन्होंने कहा कि देश के नागरिकों के जीवन को आसान बनाना उनकी और सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इसमें स्वास्थ्य सेवाएं भी शामिल हैं।
उन्होंने एक्स पर पीआईबी को टैग करते हुए लिखा, ”देशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देना और उनके जीवन को आसान बनाना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इसी दिशा में आज सुबह करीब 10:45 बजे बिहार में दरभंगा एम्स के शिलान्यास के साथ ही कई और परियोजनाओं का लोकार्पण करने और आधारशिला रखने का सौभाग्य मिलेगा।”
प्रधानमंत्री के बिहार दौरे पर आज सुबह भारत सरकार के पत्र एवं सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने विज्ञप्ति भी जारी की। विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज बिहार का दौरा करेंगे। वह दरभंगा जाएंगे और सुबह 10:45 बजे लगभग 12,100 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इनमें से कई योजनाओं को देश को समर्पित करेंगे।
क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के हिस्से के रूप में प्रधानमंत्री मोदी दरभंगा में 1260 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले एम्स की आधारशिला रखेंगे। इसमें सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल,आयुष ब्लॉक, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, रैन बसेरा और आवासीय सुविधाएं होंगी। यह बिहार और इसके आसपास के क्षेत्रों के लोगों को तृतीयक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करेगा।
सरकार की कोशिश सड़क और रेल दोनों क्षेत्रों में नई परियोजनाओं के माध्यम से क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री मोदी बिहार में लगभग 5,070 करोड़ रुपये की विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। वो राष्ट्रीय राजमार्ग-327ई के चार लेन वाले गलगलिया-अररिया खंड का उद्घाटन करेंगे। यह गलियारा पूर्वी-पश्चिमी गलियारे (एनएच-27) पर अररिया से पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के गलगालिया तक एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगा। वह एनएच-322 और एनएच-31 पर दो रेल ओवर ब्रिज (आरओबी) का भी उद्घाटन करेंगे। साथ ही प्रधानमंत्री बंधुगंज में राष्ट्रीय राजमार्ग-110 पर एक प्रमुख पुल का उद्घाटन करेंगे, जो जहानाबाद को बिहारशरीफ से जोड़ेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आठ राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे, जिनमें रामनगर से रोसरा तक पक्की सड़क के साथ दो-लेन सड़क, बिहार-पश्चिम बंगाल सीमा से एनएच-131ए का मनिहारी खंड, हाजीपुर से महनार और मोहिउद्दीन नगर होते हुए बछवाड़ा तक, सरावन-चकाई खंड शामिल हैं। वह एनएच-327ई पर रानीगंज बाईपास, एनएच-333ए पर कटोरिया, लखपुरा, बांका और पंजवारा बाइपास और एनएच-82 से एनएच-33 तक चार लेन की लिंक रोड का भी शिलान्यास करेंगे।
इसके अलावा प्रधानमंत्री 1740 करोड़ रुपये से अधिक की रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। वह बिहार के औरंगाबाद जिले में चिरालापोथु से बाघा बिशुनपुर तक 220 करोड़ रुपये से अधिक की सोननगर बाइपास रेलवे लाइन की आधारशिला रखेंगे। वो 1520 करोड़ रुपये से अधिक की रेलवे परियोजनाएं भी देश को समर्पित करेंगे। इनमें झंझारपुर-लौकाहा बाजार रेल खंड, दरभंगा बाइपास रेलवे लाइन का गेज परिवर्तन शामिल है, जिससे दरभंगा जंक्शन रेलवे पर रेल यातायात की भीड़ कम हो जाएगी। रेलवे लाइन के दोहरीकरण परियोजनाओं से बेहतर क्षेत्रीय कनेक्टिविटी मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी झंझारपुर-लौकाहा बाजार खंड पर ट्रेन सेवाओं को भी हरी झंडी दिखाएंगे। इस खंड में एमईएमयू ट्रेन सेवाएं शुरू होने से आसपास के कस्बों और शहरों में रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच आसान हो जाएगी। साथ ही भारत के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर 18 प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र देश को समर्पित करेंगे। इससे यात्रियों के लिए रेलवे स्टेशनों पर सस्ती दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। यह जेनेरिक दवाओं की स्वीकृति और जागरूकता को भी बढ़ावा देगा, जिससे स्वास्थ्य देखभाल पर समग्र व्यय में कमी आएगी।
विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में 4,020 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न पहलों की आधारशिला रखेंगे। घरों तक पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) पहुंचाने और वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्रों को स्वच्छ ऊर्जा विकल्प प्रदान करने के दृष्टिकोण के अनुरूप प्रधानमंत्री, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा बिहार के पांच प्रमुख जिलों दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, सीतामढ़ी और शिवहर में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) नेटवर्क के विकास की आधारशिला रखेंगे। वह इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की बरौनी रिफाइनरी की बिटुमेन विनिर्माण इकाई की आधारशिला भी रखेंगे, जो स्थानीय स्तर पर बिटुमेन का उत्पादन करेगी, जिससे आयातित बिटुमेन पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।

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