
सरकारी योजना का लालच: 55 लाख की ठगी का पूरा सच!-क्या आप भी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के चक्कर में हैं? तो सावधान हो जाइए! आजकल कुछ ऐसे ठग भी घूम रहे हैं जो सरकारी योजनाओं का झांसा देकर भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। हाल ही में जबलपुर जिले में ऐसी ही एक बड़ी ठगी का मामला सामने आया है, जिसने कई लोगों को रातों-रात कंगाल बना दिया। आइए जानते हैं इस पूरे मामले के बारे में विस्तार से।
सरकारी योजना का जाल: कैसे फंसाए गए ग्रामीण?-जबलपुर जिले के पाटन थाना इलाके में एक शख्स, जिसका नाम अनुज कुमार शुक्ला है, ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना (PMEGP) के नाम पर ग्रामीणों को ठगा। यह आरोपी खुद को सरकारी योजनाओं का बड़ा जानकार बताता था और गांव-गांव जाकर लोगों को यकीन दिलाता था कि वह आसानी से लोन दिलवा सकता है, वो भी 35% सब्सिडी के साथ। इस चकाचौंध भरी बात से ग्रामीण आकर्षित हो गए। आरोपी ने लोन दिलाने के लिए मार्जिन मनी के तौर पर हर व्यक्ति से 10 से 20 हजार रुपये वसूले। लोगों को लगा कि बस कुछ ही दिनों में उनका अपना काम शुरू हो जाएगा, लेकिन हकीकत कुछ और ही थी।
‘सेटिंग’ का झांसा और पैसों का गबन!-ठग ने ग्रामीणों को यह विश्वास दिलाने के लिए कि काम जल्दी हो जाएगा, यह भी कहा कि उसके अफसरों से अच्छी ‘सेटिंग’ है और लोन की प्रक्रिया बहुत तेजी से पूरी हो जाएगी। इस झूठे वादे पर भरोसा करके कई लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई आरोपी को दे दी। जब काफी समय बीत जाने के बाद भी लोन नहीं मिला और लोगों ने अपने पैसे वापस मांगे, तो आरोपी टाल-मटोल करने लगा और आखिरकार मौका देखकर चंपत हो गया। पाटन क्षेत्र के कई ग्रामीणों ने मिलकर शिकायत दर्ज कराई, जिसके अनुसार कुल 55 लाख रुपये की ठगी हुई है। यह रकम कई परिवारों के लिए बहुत बड़ी थी।
नकली कागजात और झूठे वादे: ठगी का तरीका-जांच में यह बात सामने आई कि आरोपी ने ग्रामीणों का भरोसा जीतने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाए। उसने खुद के फर्जी पहचान पत्र (आईडी कार्ड) बनवा रखे थे और योजना से जुड़े हुए नकली ब्रोशर भी छपवाए थे। इन नकली दस्तावेजों को दिखाकर वह लोगों को यकीन दिलाता था कि वह वाकई किसी सरकारी योजना के तहत काम कर रहा है। जब ग्रामीण पैसे देने लगे, तो उसे लगा कि उसका काम आसान हो गया है। लेकिन सच तो यह है कि ये सब सिर्फ लोगों को लूटने की एक सोची-समझी साजिश थी।
पुलिस की कार्रवाई और आरोपी की गिरफ्तारी-शहडोल पुलिस को मुखबिर से इस ठग के बारे में सूचना मिली। पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए आरोपी अनुज कुमार शुक्ला को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। जब पुलिस ने उसके पास से मिले फर्जी दस्तावेजों और नकदी की जांच की, तो ठगी के इस पूरे खेल का खुलासा हो गया। पुलिस अब आरोपी को जबलपुर रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है ताकि उससे और पूछताछ की जा सके। पूछताछ में आरोपी ने यह भी कबूल किया है कि वह कई जिलों में इसी तरह लोगों को ठग चुका है। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि आखिर कितने लोगों को और ठगा गया है और उनके पैसे कैसे वापस दिलाए जा सकें।
सावधान रहें, सतर्क रहें!-यह घटना एक बड़ी चेतावनी है कि सरकारी योजनाओं के नाम पर ठगी करने वाले आजकल बहुत सक्रिय हैं। आम लोगों से यह अपील की जाती है कि किसी भी सरकारी योजना के बारे में जानकारी लेने के लिए हमेशा सरकारी दफ्तरों या उनकी आधिकारिक वेबसाइटों का ही सहारा लें। किसी भी अनजान व्यक्ति पर, चाहे वह कितना भी विश्वास दिलाने की कोशिश करे, आंख मूंदकर भरोसा न करें और पैसे देने से पहले अच्छी तरह जांच-पड़ताल कर लें। आपकी थोड़ी सी सावधानी आपको बड़े नुकसान से बचा सकती है।


