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कोरबा केस का इंसाफ,5 को फांसी, 1 को मिली उम्रकैद

कोरबा, 21 जनवरी 2025:  छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में हुए सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में जिला और सत्र न्यायालय (पॉक्सो) ने पांच आरोपियों को फांसी और एक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह घटना चार साल पहले कोराई जंगल में हुई थी, जिसने हर किसी को दहला दिया था। दरिंदों ने पहले पहाड़ी कोरवा परिवार की बेटियों के सामने उनके पिता को बेरहमी से मार डाला। फिर चार साल की बच्ची को भी बड़ी बेरहमी से मार दिया और नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर उसे जंगल में मरने के लिए छोड़ दिया। इस दिल दहला देने वाले मामले में आज पीड़ित परिवार को न्याय मिला है। क्या है पूरा मामला?29 जनवरी 2021 को लेमरू थाना क्षेत्र के गढ़-उपोड़ा इलाके के कोराई जंगल में तीन लोगों की हत्या की गई थी। मृतकों की पहचान धरमू उर्फ झकड़ी राम (45 साल), उनकी बेटी तीजमति (16 साल), और नातिन सतमति (4 साल) के रूप में हुई। ये तीनों शुक्रवार से लापता थे, और उनके घरवाले उन्हें ढूंढ रहे थे। 30 जनवरी को जंगल में धरमू का शव मिला। पुलिस ने तलाश के दौरान सतमति का शव बरामद किया, जबकि तीजमति गंभीर हालत में मिली, लेकिन अस्पताल ले जाते समय उसने दम तोड़ दिया।

पुलिस की जांच में पता चला कि यह परिवार संतराम यादव के यहां मवेशी चराने का काम करता था। 29 जनवरी को संतराम ने कहा कि उस दिन काम नहीं है, और उन्होंने धरमू और उसके परिवार को घर जाने को कह दिया। धरमू अपनी पत्नी और बच्चों के साथ पैदल गांव के लिए निकला। आरोप है कि संतराम ने बाइक से धरमू, तीजमति, और सतमति को घर छोड़ने की बात कही। लेकिन कुछ समय बाद धरमू और उसकी बेटियां गायब हो गईं। घरवालों ने संतराम से पूछा, तो उसने बताया कि वह उन्हें गांव के पास छोड़ आया है। जब चार दिन तक उनकी कोई खबर नहीं मिली, तो परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने संतराम को हिरासत में लिया और पूछताछ की। उसने जंगल में शव होने की बात कबूल की। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर चार साल की सतमति का शव बरामद किया, जबकि तीजमति की हालत गंभीर थी। अस्पताल ले जाते वक्त उसकी भी मौत हो गई। न्यायालय का फैसला चार साल की लंबी सुनवाई के बाद, सोमवार को जिला और सत्र न्यायालय (पॉक्सो) ने इस मामले में फैसला सुनाया। अदालत ने दोषियों में शामिल सतरेंगा गांव के संतराम, अनिल, आनंद, परदेशी, और जब्बार को फांसी की सजा दी। वहीं, एक और दोषी उमाशंकर यादव को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।

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