‘रोजगार सृजन रहेगा अगला लक्ष्य’, दिल्ली चुनाव 2025 में केजरीवाल ने युवाओं के लिए की बड़ी योजना
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 2025 के विधानसभा चुनावों से पहले रोजगार के अवसरों को अपनी अगली बड़ी प्राथमिकता बनाने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पहले शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सेवाओं में सुधार किया है, और अब उनका अगला लक्ष्य दिल्ली के युवाओं के लिए रोजगार पैदा करना होगा। रोजगार सृजन के लिए केजरीवाल के बड़े वादे दिल्ली में एक चुनावी रैली में केजरीवाल ने कहा, “पिछले 10 सालों में हमने दिल्ली को शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के मामले में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। अब हमारा मुख्य उद्देश्य युवाओं के लिए रोजगार सृजन करना है। अगले पांच सालों में हर घर में कम से कम एक व्यक्ति को रोजगार मिलेगा।” ‘मेक इन दिल्ली’ योजना को बढ़ावा केजरीवाल ने अपनी सरकार की ‘मेक इन दिल्ली’ योजना का भी उल्लेख करते हुए कहा कि यह योजना न केवल युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगी, बल्कि दिल्ली को एक व्यावासिक हब बनाने में भी मददगार साबित होगी। उन्होंने कहा, “हम छोटे और मंझले उद्योगों को बढ़ावा देंगे, स्टार्टअप्स के लिए एक सकारात्मक माहौल तैयार करेंगे, और व्यापारियों को बिना किसी रुकावट के अपना कारोबार बढ़ाने का मौका देंगे।” शिक्षा और कौशल विकास पर जोर केजरीवाल ने यह भी कहा कि दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी युवाओं को आधुनिक और उद्योग से जुड़े कौशल प्रदान करेगी। इसके साथ ही, स्कूल और कॉलेज स्तर पर रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे, और सरकारी प्रशिक्षण केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।
पहले की योजनाओं का जिक्र केजरीवाल ने दिल्ली सरकार की शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली-पानी के क्षेत्रों में की गई सफल योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “हमारे नेतृत्व में दिल्ली के सरकारी स्कूल अब निजी स्कूलों से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली के लोग जानते हैं कि हमने जो वादे किए, उन्हें पूरा किया। अब हमारा सपना है कि दिल्ली को रोजगार के मामले में सबसे आगे लाया जाए।” विपक्ष ने उठाए सवाल मुख्यमंत्री के इस वादे पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने इसे केवल चुनावी स्टंट करार दिया है और कहा कि आम आदमी पार्टी ने पहले भी रोजगार के वादे किए थे, लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया। भाजपा के नेताओं का कहना है कि केजरीवाल सरकार को पहले पुराने वादों का हिसाब देना चाहिए, क्योंकि बेरोजगारी में बढ़ोतरी हुई है और रोजगार सृजन के दावे सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहे हैं। जनता की प्रतिक्रिया दिल्ली के मतदाता इस मुद्दे पर दो हिस्सों में बंटे हुए हैं। कुछ लोग सरकार की शिक्षा और स्वास्थ्य योजनाओं से संतुष्ट हैं, जबकि कुछ लोग रोजगार सृजन के वादों की वास्तविकता पर सवाल उठा रहे हैं। दिल्ली चुनाव 2025 में रोजगार का मुद्दा जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, रोजगार सृजन इस बार के चुनावों में एक अहम मुद्दा बनता दिख रहा है। केजरीवाल ने अपने वादों के साथ दिल्ली के युवाओं को आकर्षित करने की कोशिश शुरू कर दी है।