
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का फैसला: निजी स्कूलों की फीस तय करने का अधिकार सरकार के पास!-यह फैसला छत्तीसगढ़ के निजी स्कूलों के लिए एक बड़ा झटका है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के उस कानून को सही ठहराया है जिससे सरकार निजी स्कूलों की फीस तय कर सकती है।
समझें पूरा मामला:छत्तीसगढ़ सरकार ने साल 2020 में एक कानून बनाया था जिससे वो निजी स्कूलों की फीस तय कर सकती है। निजी स्कूलों को ये कानून पसंद नहीं आया और उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उनका कहना था कि ये कानून उनके अधिकारों का हनन करता है और उन्हें अपनी मर्ज़ी से फीस तय करने का हक़ है।
हाईकोर्ट ने क्या कहा?-लेकिन हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों की बात नहीं मानी। कोर्ट ने साफ कर दिया कि राज्य सरकार को निजी स्कूलों की फीस तय करने का पूरा अधिकार है। कोर्ट का कहना है कि इस कानून का मकसद सिर्फ़ पारदर्शिता लाना और फीस को उचित बनाना है। कोर्ट ने ये भी कहा कि किसी को थोड़ी असुविधा होने से कोई कानून गलत नहीं हो जाता।
क्या निजी स्कूलों को अब फीस कम करनी होगी?-अब देखना ये है कि इस फैसले के बाद निजी स्कूल अपनी फीस में क्या बदलाव करते हैं। कई स्कूलों ने पहले ही अपनी फीस बहुत ज़्यादा बढ़ा दी थी, इसलिए संभव है कि अब उन्हें अपनी फीस कम करनी पड़े।
आगे क्या?-अगर निजी स्कूल इस फैसले से खुश नहीं हैं, तो वे सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं। लेकिन फिलहाल तो ये साफ़ है कि छत्तीसगढ़ में निजी स्कूलों की फीस तय करने का अधिकार राज्य सरकार के पास है।




