दिल का दौरा अब सिर्फ़ बुज़ुर्गों की बीमारी नहीं रही! युवाओं में बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले

ज़माना बदल गया है, और दिल की बीमारियाँ अब सिर्फ़ बुज़ुर्गों तक सीमित नहीं रहीं। आजकल 20 और 30 साल के जवान भी दिल के रोगों का शिकार हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर अक्सर ऐसी खबरें देखने को मिलती हैं जहाँ युवाओं को अचानक हार्ट अटैक आने से जान गँवाते हुए दिखाया जाता है। ये वाकई चिंता की बात है!
दिल के रोगों के बढ़ते कारण – इसके पीछे कई कारण हैं। आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी, खराब खानपान, तनाव, और अनियमित जीवनशैली इसके मुख्य दोषी हैं। हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएँ भी इस खतरे को और बढ़ा रही हैं। इसके अलावा, पूरा दिन बैठे रहना, धूम्रपान, शराब का सेवन और मोटापा भी दिल के लिए बहुत नुकसानदायक हैं। एक स्टडी में तो ये भी पाया गया है कि युवा भारतीयों में असामान्य कोलेस्ट्रॉल का स्तर बहुत आम है। इस स्टडी में जीवनशैली और डायबिटीज़ से जुड़े उच्च ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन को प्रमुख जोखिम बताया गया है। एक और अध्ययन में पाया गया कि 35 से 45 साल के लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या तेज़ी से बढ़ रही है। धूम्रपान, मोटापा, पारिवारिक इतिहास और शराब का सेवन इसके मुख्य कारण हैं।
क्या है बचाव का उपाय – पर घबराने की ज़रूरत नहीं है! दिल के रोगों को रोका जा सकता है। अगर आप युवा हैं और अपने दिल की सेहत का ध्यान रखना चाहते हैं, तो कुछ ज़रूरी कदम उठाएँ l नियमित स्वास्थ्य जाँच कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और शुगर के स्तर पर नज़र रखें। संतुलित आहार फल, सब्ज़ियाँ, साबुत अनाज और जैतून के तेल का सेवन बढ़ाएँ। प्रोसेस्ड फ़ूड और चीनी से दूर रहें। शारीरिक गतिविधि हफ़्ते में पाँच दिन, 30 मिनट की हल्की-फुल्की कसरत ज़रूर करें। तनाव प्रबंधन योग, ध्यान या किसी और तरीके से तनाव को कम करें। पर्याप्त नींद लें।
बुरी आदतों से दूर रहें धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएँ। आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में प्रदूषण भी दिल के लिए खतरा है। इसलिए, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और जागरूक रहना बेहद ज़रूरी है। 20 और 30 की उम्र में किए गए छोटे-छोटे बदलाव आपके दिल को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं। अपने दिल की सेहत के लिए आज से ही शुरुआत करें!