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यूनियन कार्बाइड कचरा जलाने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, सरकार को देने होंगे जवाब

पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे का निस्तारण, सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई

इंदौर: मध्य प्रदेश सरकार को आज गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को यह बताना होगा कि धार जिले के पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के जहरीले कचरे को जलाने के दौरान अगर कोई हादसा होता है, तो उससे निपटने के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं। यह जवाब एक जनहित याचिका के तहत मांगा गया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि आपदा प्रबंधन के जरूरी उपाय किए बिना ही कचरा जलाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

क्या रोक लग सकती है कचरा जलाने पर?

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले पर स्पष्ट जवाब मांगा था। अब इस बात की संभावना जताई जा रही है कि सरकार के जवाब के आधार पर कोर्ट तय करेगा कि कचरा जलाने की प्रक्रिया जारी रहेगी या उस पर रोक लगाई जाएगी।

पीथमपुर में कचरा जलाने की तैयारी पूरी

पीथमपुर के संयंत्र में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।

  • मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर कचरे के निस्तारण के लिए तीन ट्रायल रन किए जाने हैं।
  • पहले चरण में गुरुवार सुबह 10 मीट्रिक टन कचरा जलाया जाएगा।
  • सामाजिक कार्यकर्ता चिन्मय मिश्र ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पर्यावरण और स्वास्थ्य नियमों की अनदेखी का आरोप लगाया है।

स्थानीय लोगों की चिंता और विरोध

जिस इलाके में यह कचरा जलाया जाना है, वहां से महज 250 मीटर की दूरी पर एक गांव स्थित है, जबकि एक किलोमीटर के दायरे में तीन और गांव बसे हुए हैं। बावजूद इसके स्थानीय नागरिकों के लिए किसी वैकल्पिक ठिकाने की व्यवस्था नहीं की गई।

  • अगर कचरा जलाने के दौरान कोई हादसा होता है, तो पीथमपुर में पास ही कोई बड़ा अस्पताल भी नहीं है।
  • इससे पहले जनवरी में जब 337 टन कचरा भोपाल से पीथमपुर लाया गया था, तो स्थानीय लोगों ने इसके जहरीले असर को लेकर जमकर विरोध किया था।

भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल बाद उठाया गया कदम

1984 की भोपाल गैस त्रासदी के चार दशक बाद, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे का निस्तारण कर रही है। हालांकि, स्थानीय लोगों को अब भी डर है कि इसका बुरा असर उनके स्वास्थ्य और पर्यावरण पर पड़ सकता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकार के जवाब के बाद क्या फैसला सुनाता है और क्या कचरा जलाने की प्रक्रिया पर रोक लगती है या नहीं।

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