
चंडीगढ़: 66 केवी बिजली लाइन के लिए प्रभावित जमीन मालिकों को अब दोगुना मुआवजा राज्य सरकार ने 66 केवी बिजली आपूर्ति लाइन बिछाने से प्रभावित होने वाले किसानों और भूमि मालिकों के मुआवजे में बड़ी बढ़ोतरी का ऐलान किया है।बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने बताया कि बिजली लाइनों के कारण जमीन की कीमत में आई गिरावट को ध्यान में रखते हुए अब मुआवजे की दर को दोगुना कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला जमीन मालिकों को उनका हक दिलाने और उन्हें आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए लिया गया है। अब जमीन की कीमत का 200% मिलेगा मुआवजा
नई नीति के तहत, टावर बेस क्षेत्र में आने वाली जमीन का अब 200% मुआवजा दिया जाएगा। टावर बेस क्षेत्र उस हिस्से को कहते हैं जहां टावर के चार खंभे खड़े होते हैं और उसके चारों ओर एक-एक मीटर अतिरिक्त क्षेत्र शामिल होता है। पहले यह मुआवजा **सिर्फ 85% तक सीमित था, लेकिन अब इसमें बड़ी बढ़ोतरी कर दी गई है।
राइट-ऑफ-वे (ROW) कॉरिडोर के लिए भी मुआवजा बढ़ा टावर के अलावा राइट-ऑफ-वे (ROW) कॉरिडोर में आने वाली जमीन के लिए भी मुआवजा बढ़ाया गया है। अब इस कॉरिडोर में आने वाली भूमि का मुआवजा 30% होगा, जो पहले 15% था। यह बदलाव केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के इलेक्ट्रिकल प्लांट और बिजली लाइनों के निर्माण से जुड़े नियमों के तहत किया गया है। मुआवजा सर्कल रेट या बाजार मूल्य पर तय होगा बिजली मंत्री ने बताया कि मुआवजे की गणना जिले के सर्कल रेट या बाजार मूल्य के आधार पर की जाएगी, जिसे जिला मजिस्ट्रेट, कलेक्टर या डिप्टी कमिश्नर निर्धारित करेंगे। यह मुआवजा इसलिए दिया जा रहा है ताकि बिजली लाइनों की वजह से जमीन की कीमत में आने वाली गिरावट की भरपाई की जा सके। ट्रांसमिशन लाइन क्षेत्र में नहीं होगी कोई निर्माण गतिविधि सरकार ने साफ किया है कि ट्रांसमिशन लाइन के राइट-ऑफ-वे (ROW) क्षेत्र में किसी भी तरह की निर्माण गतिविधि की अनुमति नहीं होगी। यह फैसला सुरक्षा और बिजली आपूर्ति से जुड़ी तकनीकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। सरकार के इस कदम से जमीन मालिकों को पहले से बेहतर मुआवजा मिलेगा और उनके हितों की रक्षा होगी।




