
सोने की चमक बढ़ी: भाव ₹1,10,298 के पार, क्या है वजह?
सोने में निवेशकों का बढ़ता भरोसा: घरेलू बाजार में रिकॉर्ड तोड़ तेजी-मंगलवार का दिन सोने के खरीदारों और निवेशकों के लिए काफी उत्साहजनक रहा। घरेलू वायदा बाजार में सोने की कीमतें आसमान छू गईं और अपने पिछले रिकॉर्ड के बेहद करीब पहुंच गईं। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर, अक्टूबर महीने की डिलीवरी वाले सोने के कॉन्ट्रैक्ट में 119 रुपये की बढ़ोतरी देखी गई, जिससे इसकी कीमत 1,10,298 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। यह कोई छोटी-मोटी बात नहीं है, क्योंकि इससे ठीक एक दिन पहले ही इसी कॉन्ट्रैक्ट ने 1,10,330 रुपये का एक नया कीर्तिमान स्थापित किया था। यह लगातार ऊपर जाती कीमतें साफ तौर पर दिखा रही हैं कि लोग सोने को एक भरोसेमंद निवेश के तौर पर देख रहे हैं। कई विशेषज्ञ भी यही मानते हैं कि आज के समय में, जब दुनिया भर में आर्थिक अनिश्चितता बनी हुई है, सोना एक सुरक्षित और मजबूत निवेश का जरिया बन गया है, जहाँ लोग अपना पैसा सुरक्षित महसूस करते हैं। यही वजह है कि सोने की मांग और कीमतें दोनों ही लगातार बढ़ रही हैं।
दिसंबर कॉन्ट्रैक्ट भी चमका: सोने की रफ्तार जारी-घरेलू बाजार में सिर्फ अक्टूबर डिलीवरी वाला सोना ही नहीं, बल्कि दिसंबर डिलीवरी वाला कॉन्ट्रैक्ट भी पीछे नहीं रहा। MCX पर दिसंबर डिलीवरी वाले सोने के कॉन्ट्रैक्ट में भी अच्छी खासी तेजी देखने को मिली। यह 109 रुपये बढ़कर 1,11,346 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुँच गया। सोमवार को तो इसने 1,11,350 रुपये का अपना अब तक का सबसे ऊंचा स्तर छुआ था। यह लगातार बढ़ रही कीमतें इस बात का इशारा दे रही हैं कि भारतीय बाजार में निवेशक बड़ी संख्या में सोने की ओर आकर्षित हो रहे हैं। जानकारों का मानना है कि अगर दुनिया भर के आर्थिक माहौल में यह अनिश्चितता का दौर ऐसे ही चलता रहा, तो आने वाले समय में सोने की कीमतें और भी ऊपर जा सकती हैं। ऐसे में, सोने में निवेश करना एक अच्छा फैसला साबित हो सकता है।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की चाल पर टिकी निगाहें: ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद-कमोडिटी मार्केट के जानकारों का कहना है कि सोने की कीमतों में यह जो लगातार तेजी देखी जा रही है, इसके पीछे एक बड़ा कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व का आने वाला फैसला है। 17 सितंबर को फेडरल रिजर्व की एक अहम मीटिंग होने वाली है, और बाजार को उम्मीद है कि इस मीटिंग में ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है। अगर ऐसा होता है, तो सोने में निवेश और भी बढ़ सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो अमेरिकी डॉलर थोड़ा कमजोर होता है, और डॉलर के कमजोर होने पर सोने की मांग अपने आप बढ़ जाती है। इसके अलावा, इस साल के बाकी महीनों में भी मौद्रिक नीति में और ढील मिलने की जो उम्मीदें हैं, वे भी सोने को और मजबूती दे रही हैं। कुल मिलाकर, यह अमेरिकी केंद्रीय बैंक के फैसले पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने का जलवा: रिकॉर्ड ऊंचाई पर दाम-यह सिर्फ हमारे घरेलू बाजार की बात नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सोने ने अपनी चमक बिखेरी है और नई ऊंचाइयों को छुआ है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में दिसंबर डिलीवरी वाले गोल्ड फ्यूचर्स की कीमत 3,728.32 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई। यह शानदार बढ़ोतरी इस बात का सबूत है कि अमेरिकी मौद्रिक नीति में नरमी और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के माहौल में, सोने को एक सुरक्षित निवेश का विकल्प माना जा रहा है। दुनिया भर के निवेशक अब भी सोने को एक भरोसेमंद ‘सेफ हेवन’ यानी सुरक्षित ठिकाना मानकर उसमें अपना पैसा लगा रहे हैं। यही कारण है कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय, दोनों ही बाजारों में सोने की कीमतें लगातार नए रिकॉर्ड बना रही हैं।
निवेशकों का बढ़ता रुझान: सोने में निवेश के अच्छे अवसर-पिछले कुछ हफ्तों से सोने में निवेशकों की दिलचस्पी काफी बढ़ी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार रिकॉर्ड तोड़ कीमतों के बावजूद, सोने में निवेश करने का रुझान अभी भी सकारात्मक बना हुआ है। हालांकि, यह भी सच है कि जब कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ जाती हैं, तो कुछ लोग मुनाफा कमाने के लिए बिकवाली भी कर सकते हैं, लेकिन कुल मिलाकर जो ट्रेंड दिख रहा है, वह अभी भी तेजी का ही है। अगर वैश्विक अर्थव्यवस्था में यह अनिश्चितता का माहौल ऐसे ही बना रहता है, तो आने वाले समय में सोने की कीमतों में और भी बड़ी उछाल देखने को मिल सकती है। ऐसे में, जो निवेशक सुरक्षित और भरोसेमंद निवेश की तलाश में हैं, उनके लिए सोना एक अच्छा विकल्प साबित हो रहा है।



