ब्रिटिश कोलंबिया की एनडीपी सरकार में चार पंजाबियों को मिला मंत्री बनने का मौका
जालंधर। कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के चुनाव जीतने वाली एनडीपी (नेशनल डेमोक्रैटिक पार्टी) के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री डेविड ईबी ने अपने मंत्रिमंडल की घोषणा करते हुए नवगठित ब्रिटिश कोलंबिया (बीसी) सरकार के मंत्रिमंडल में महिला सहित चार पंजाबियों को कैबिनेट मंत्री बनाया है। इनमें निक्की शर्मा को अटार्नी जनरल व उपप्रधानमंत्री बनाया गया है जबकि अन्य तीन कैबिनेट मंत्रियों में रवि सिंह परमार को वन मंत्री, रवि काहलों को आवास एवं नगरपालिका मामलों का मंत्री तथा जगरूप बराड़ को खनन एवं खनिज मंत्री बनाया गया है।उपप्रधानमंत्री निक्की शर्मा ने वैंकूवर-हेस्टिंग्स निर्वाचन क्षेत्र से लगातार दूसरी बार जीत हासिल की है। पिछली ईबी सरकार में भी अटार्नी जनरल थीं। आवास एवं नगरपालिका मामलों के मंत्री रवि काहलों ने उत्तरी डेल्टा से फिर से चुनाव जीता और पहले 2017 में विधायक के रूप में कार्य किया और 2020 में बनी पिछली एनडीपी सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया।
वन मंत्री रवि सिंह परमार लैंगफोर्ड-जुआन डी फूका निर्वाचन क्षेत्र से दूसरी बार विधायक बने हैं। पिछले वर्ष उन्होंने इसी सीट से उपचुनाव जीता था। परमार को ब्रिटिश कोलंबिया के सबसे युवा विधायक होने का गौरव भी प्राप्त है। खनन एवं खनिज मंत्री जगरूप बराड़ ने सरे-फ्लीटवुड निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की है। वह 2004 में पहली बार विधायक बने थे और इस बार वह छठी बार विधायक चुने गए हैं।
इन चार पंजाबी मंत्रियों को मिलाकर नई कैबिनेट में 23 मंत्री व 4 राज्यमंत्री शामिल हैं। कैबिनेट मंत्रियों को उनके काम में मदद के लिए 14 संसदीय सचिवों की नियुक्ति की गई है। संसदीय सचिवों में रंगभेद विरोधी पहल के लिए संसदीय सचिव जेसी सुन्नर, कृषि के लिए संसदीय सचिव हरविंदर संधू, अंतर्राष्ट्रीय साख के लिए संसदीय सचिव सुनीता धीर शामिल हैं।यूके व यूरोप के पहले पगड़ीधारी सिख सांसद लॉर्ड इंद्रजीत सिंह का चित्र वेस्टमिंस्टर, लंदन स्थित ब्रिटिश संसद के हाउस ऑफ लॉर्ड्स के बिशप कॉरिडोर में स्थापित किया गया है। यह पहली बार है जब ब्रिटिश संसद में किसी सिख का चित्र प्रदर्शित किया गया है।
यह चित्र संसद में उनकी महत्वपूर्ण सेवाओं व राष्ट्र के लिए लोक सेवा में योगदान को मान्यता देने के लिए स्थापित किया गया है। लॉर्ड इंद्रजीत सिंह के चित्र का अनावरण स्वयं लॉर्ड इंद्रजीत की उपस्थिति में हुआ।