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ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में मध्यप्रदेश की विद्युत कंपनियों के साथ चार एमओयू हस्ताक्षरित

Bhopal:

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 में 24 फरवरी को मध्यप्रदेश के विद्युत क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण चार मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टेडिंग (एमओयू) हुए। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव, ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री नीरज मंडलोई, एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक श्री अविनाश लवानिया व पॉवर जनरेटिंग कंपनी के प्रबंध संचालक मनजीत सिंह की उपस्थिति में एमओयू हस्ताक्षरित हुए। एमओयू एनटीपीसी ग्रीन इनर्जी लिमिटेड, ग्रामीण विद्युतीकरण कार्पोरेशन (आरईसी), एनटीपीसी न्यूक्लियर और पावर फायनेंस कार्पोरेशन (पीएफसी)के साथ हुए।

ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव की उपस्थिति में ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) और पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के मध्य 21 हजार करोड़ के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता मध्यप्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू करेगा, जिससे राज्य में बिजली वितरण में सुधार होगा और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के ऊर्जा क्षेत्र में किए गए प्रयास मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर और प्रगति की ओर अग्रसर करेंगे।

आरईसी ने मध्यप्रदेश में बिजली के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अपनी चल रही प्रतिबद्धता के रूप में अगले पांच वर्षों के लिए 21 हजार करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की है। यह समझौता मध्य प्रदेश के बिजली क्षेत्र को बढ़ाने, कुशल बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने और राज्य में नवकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में एक आवश्यक कदम है। इस एमओयू पर एमपी पावर मैनेजमेंट की ओर से प्रबंध संचालक अविनाश लवानिया और आरईसी की ओर एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर राहुल द्विवेदी ने हस्ताक्षर किए।

एनटीपीसी ग्रीन-मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड (एमपीपीजीसीएल) और एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने मध्य प्रदेश में 20 गीगावाट या उससे अधिक की नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए । एमओयू पर पावर जनरेटिंग कंपनी की ओर से एमडी मनजीत सिंह और एनटीपीसी ग्रीन इनर्जी की ओर से जनरल मैनेजर सौम्यकांत चौधरी ने हस्ताक्षर किए।

एनटीपीसी न्यूक्लियर-महारत्न सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी और भारत की सबसे बड़ी बिजली यूटिलिटी कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड ने मध्य प्रदेश सरकार (GoMP) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य मध्य प्रदेश राज्य में कुल छह उपयुक्त क्षमता वाली परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं के विकास की संभावना तलाशना है। इस महत्वपूर्ण सहयोग से मध्य प्रदेश में लगभग 80 हजार -करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है, जो संभावित रूप से राज्य के ऊर्जा बुनियादी ढांचे को बदल देगा और स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा उत्पादन के लिए भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों में योगदान देगा। इस एमओयू पर एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक संजीव खरे व एनटीपीसी की ओर से एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रसेनजित पाल ने हस्ताक्षर किए।

पीएफसी-पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएफसी) ने मध्य प्रदेश की बिजली उपयोगिताओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। इसमें एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (एमपीपीएमसीएल) भी शामिल है। पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) और परिचालन आवश्यकताओं को कवर करते हुए अगले पांच वर्षों के लिए कुल 26 हजार 800 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। यह समझौता एक औपचारिक ढांचा प्रदान करेगा, जिससे पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) और अन्य संबंधित परियोजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन को सक्षम किया जा सकेगा। इससे मध्यप्रदेश के नागरिकों के लिए बिजली आपूर्ति प्रणाली और विश्वसनीयता में सुधार सुनिश्चित होगा। इस एमओयू पर पावर मैनेजमेंट कंपनी की ओर से अतिरिक्त मुख्य महाप्रबंधक गुरदीप सिंह खनूजा और पीएफसी की ओर से एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर आरके चतुर्वेदी ने हस्ताक्षर किए।

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