लैंड पूलिंग स्कीम से किसानों को होगा सीधा फायदा, भगवंत मान ने धूरी में जनसभा में दी बड़ी घोषणाएं

पंजाब की लैंड पूलिंग योजना: किसानों के लिए वरदान या अभिशाप?- मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में पंजाब में लैंड पूलिंग योजना शुरू की है जिसका मकसद किसानों की आर्थिक स्थिति मज़बूत करना और राज्य के विकास में उनकी भागीदारी बढ़ाना है। लेकिन क्या यह योजना वाकई किसानों के फायदे की है या फिर विपक्ष के दावों की तरह सिर्फ एक राजनीतिक स्टंट?
योजना की खास बातें: यह योजना पूरी तरह से स्वैच्छिक है। कोई भी किसान अपनी ज़मीन देने के लिए मजबूर नहीं है। जो किसान अपनी ज़मीन देने को तैयार होंगे, उन्हें बदले में आवासीय और व्यावसायिक प्लॉट दिए जाएँगे। सरकार का दावा है कि यह योजना पूरी पारदर्शिता से चलाई जाएगी।
विपक्ष का विरोध: विपक्षी दलों ने इस योजना का विरोध करते हुए इसे किसान विरोधी बताया है। उनका कहना है कि यह योजना किसानों की ज़मीन छीनने की साज़िश है। लेकिन मुख्यमंत्री ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
विकास के लिए धनराशि: मुख्यमंत्री ने धूरी विधानसभा क्षेत्र के 70 गाँवों के विकास के लिए 31.30 करोड़ रुपये की ग्रांट देने की घोषणा की है। इस पैसे से गाँवों में बुनियादी सुविधाएँ बेहतर की जाएँगी।
नशा मुक्ति अभियान: मुख्यमंत्री ने नशा मुक्ति अभियान में मिली सफलता का जिक्र किया है और बताया कि कई बड़े ड्रग माफिया जेल जा चुके हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे नशे से दूर रहें।
सुधार और सुविधाएँ: सरकार ने 15,947 नहरों और खालों की मरम्मत की है जिससे गाँवों तक पानी पहुँच रहा है। 90% घरों को मुफ्त बिजली मिल रही है और आम आदमी क्लीनिकों में 3 करोड़ से ज़्यादा लोगों का मुफ्त इलाज हुआ है। 55,000 युवाओं को सरकारी नौकरी भी मिली है।
टोल प्लाज़ा बंद: 18 टोल प्लाज़ा बंद करने से आम लोगों को रोज़ाना 64 लाख रुपये की बचत हो रही है। सड़क सुरक्षा दल के बनने से सड़क हादसों में 48% की कमी आई है।
मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना: 2 अक्टूबर से शुरू होने वाली मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना के तहत हर परिवार को 10 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मिलेगा। यह योजना किसानों के लिए एक अच्छा अवसर हो सकती है लेकिन इसके सफल क्रियान्वयन के लिए पारदर्शिता और किसानों की सहमति बहुत ज़रूरी है। विपक्ष के आरोपों को भी गंभीरता से लेते हुए सरकार को योजना को और पारदर्शी बनाना चाहिए ताकि किसानों का विश्वास जीता जा सके।




