
उत्तराखंड में इन दिनों मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं, और इसी माहौल का फायदा उठाने के लिए ठगों ने एक नई साजिश रची। ठगों ने बीजेपी के तीन विधायकों को फोन कर मंत्री बनाने का झांसा दिया और इसके बदले मोटी रकम की मांग की। चौंकाने वाली बात ये रही कि ठगों ने खुद को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह बताकर फोन किया। जैसे ही यह मामला सामने आया, राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि एक विधायक से मंत्री पद दिलाने के नाम पर तीन करोड़ रुपये मांगे गए। इस ठगी का शिकार होने से पहले ही विधायकों ने सतर्कता दिखाई और तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने तीनों मामलों में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पहला मामला: हरिद्वार के रानीपुर विधायक आदेश चौहान
आदेश चौहान के पास एक फोन आया, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को अमित शाह का बेटा जय शाह बताया। उसने कहा कि अगर उन्हें मंत्री बनना है, तो पार्टी फंड में पैसे जमा करने होंगे। विधायक को शक हुआ और उन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
दूसरा मामला: रुद्रपुर से विधायक शिव अरोड़ा
शिव अरोड़ा को भी इसी तरह का फर्जी कॉल आया। कॉलर ने पहले राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की, फिर कहा कि उत्तराखंड सरकार में तीन नए मंत्री बनाए जाने हैं, जिनमें उनका नाम भी शामिल है। बदले में पार्टी फंड के नाम पर पैसे मांगे गए और दिल्ली बुलाने की बात कही गई। विधायक को शक हुआ और उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद जांच शुरू कर दी गई।
तीसरा मामला: नैनीताल की विधायक सरिता आर्य
विधायक सरिता आर्य को भी अज्ञात नंबर से फोन आया। कॉल करने वाले ने खुद को जय शाह बताया और दावा किया कि अमित शाह और जेपी नड्डा व्यस्त हैं, इसलिए उत्तराखंड में मंत्रिमंडल से जुड़े फैसले लेने की जिम्मेदारी उसे दी गई है। उसने विधायक को दिल्ली बुलाने और पार्टी फंड जमा करने की बात कही। विधायक को शक हुआ और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी।
तीनों विधायकों की सतर्कता के चलते पुलिस ने समय रहते मामला दर्ज कर लिया और जांच शुरू कर दी है। यह घटना सामने आने के बाद राज्य के अन्य नेता भी सतर्क हो गए हैं, और इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में काफी हलचल मची हुई है।