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उत्तराखंड में बादल फटने से तबाही: चमोली और रुद्रप्रयाग में मची अफरातफरी

उत्तराखंड में बादल फटने से हाहाकार: चमोली और रुद्रप्रयाग में भारी तबाही!

उत्तराखंड में फिर कुदरत का कहर: बादल फटने से मचाई तबाही-देवभूमि उत्तराखंड एक बार फिर प्रकृति के रौद्र रूप का गवाह बना है। चमोली जिले के देवाल क्षेत्र और रुद्रप्रयाग के बसुकेदार ब्लॉक के बड़ेथ डुंगर तोक में अचानक बादल फटने की घटना से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई जगहों पर भारी मात्रा में मलबा आने के कारण सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं, जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, कुछ लोग लापता भी बताए जा रहे हैं, जिससे चिंता और बढ़ गई है। जिला प्रशासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं और टीमें तेजी से प्रभावित इलाकों की ओर बढ़ रही हैं ताकि जल्द से जल्द मदद पहुंचाई जा सके।

सीएम धामी की पैनी नजर: राहत कार्यों में तेजी के निर्देश-उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं पूरी स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। उन्होंने अधिकारियों को राहत और बचाव कार्यों में किसी भी तरह की देरी न करने और उन्हें और तेज करने के सख्त निर्देश दिए हैं। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी, प्रतीक जैन, आपदा कंट्रोल रूम से लगातार जुड़े हुए हैं और हर घटना का पल-पल का अपडेट ले रहे हैं। सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को तुरंत प्रभावित क्षेत्रों में तैनात कर दिया गया है ताकि राहत पहुंचाने की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके। प्रशासन का मुख्य उद्देश्य प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करना है।

सड़कों को खोलने और लोगों को बचाने में जुटीं टीमें-आपदा प्रभावित इलाकों में राष्ट्रीय राजमार्ग (NH), लोक निर्माण विभाग (PWD) और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) की टीमें सड़कों को साफ करने और यातायात बहाल करने के लिए दिन-रात जुटी हुई हैं। जिन रास्तों पर मलबा जमा हो गया है, वहां वैकल्पिक मार्गों की तलाश की जा रही है ताकि राहत दल प्रभावित गांवों तक पहुंच सकें। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), पुलिस और राजस्व विभाग की टीमें भी मौके पर सक्रिय रूप से बचाव कार्य में लगी हुई हैं। प्रशासन का कहना है कि बचाव दल तेजी से प्रभावित गांवों तक पहुंच रहे हैं और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने के प्रयास जारी हैं।

घरों और गाड़ियों के बहने से भारी नुकसान-शुरुआती जानकारी के अनुसार, स्यूर गांव में बादल फटने से एक मकान पूरी तरह से ढह गया है, जबकि एक बोलेरो गाड़ी भी पानी के तेज बहाव में बह गई। बड़ेथ, बगडधार और तालजामनी जैसे गांवों में गदेरों (छोटी नदियों) का पानी और मलबा घरों में घुस गया, जिससे भारी नुकसान हुआ है। किमाणा गांव में खेती की उपजाऊ जमीन और सड़क पर बड़े-बड़े पत्थर और मलबा जमा हो गया है, जिससे आवागमन बाधित हो गया है। अरखुण्ड क्षेत्र में मछली पालन तालाब और मुर्गी फार्म भी इस आपदा की चपेट में आकर बर्बाद हो गए हैं। छेनागाड़ बाजार में भी मलबा भर गया और कई वाहन बह गए, जिससे स्थानीय व्यापारियों को काफी क्षति पहुंची है।

लापता लोगों की तलाश जारी, प्रशासन की प्राथमिकता-सबसे गंभीर स्थिति छेनागाड़ डुगर और जौला बड़ेथ गांव में बनी हुई है, जहां से कुछ लोगों के लापता होने की खबर है। प्रशासन की टीमें इन लापता लोगों का पता लगाने के लिए लगातार तलाश अभियान चला रही हैं। स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और प्रभावित परिवारों तक तुरंत सहायता पहुंचाई जा रही है। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता लापता लोगों को ढूंढना और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद पहुंचाना है। राहत सामग्री भी प्रभावित गांवों तक पहुंचाने का काम युद्धस्तर पर जारी है।

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