साइबर ठगी का जाल: 11 राज्यों में फैले गिरोह का भंडाफोड़, करोड़ों की ठगी करने वाले 5 आरोपी गिरफ्तार

कोंडागांव पुलिस का बड़ा काम: देशव्यापी साइबर ठगी का पर्दाफाश!-कोंडागांव की फरसगांव पुलिस ने एक बहुत बड़े साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह पूरे देश में 11 राज्यों में सक्रिय था और लगभग 1 करोड़ 70 लाख रुपये की ठगी कर चुका था। पुलिस ने छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
म्यूल अकाउंट: ठगी का सबसे बड़ा हथियार-पुलिस ने एक साइबर अपराध की जांच के दौरान इस गिरोह का पता लगाया। एक आरोपी ने बताया कि वह ‘म्यूल अकाउंट’ का इस्तेमाल करता था – एक ऐसा बैंक अकाउंट जिसका इस्तेमाल ठगी के लिए किया जाता था। इसी सुराग से पुलिस को पूरे गिरोह तक पहुँचने में मदद मिली। म्यूल अकाउंट का मतलब है किसी आम व्यक्ति के नाम पर खुला बैंक अकाउंट जिसका इस्तेमाल अपराधी करते हैं।
लेयर सिस्टम: एक संगठित नेटवर्क-यह गिरोह एक लेयर सिस्टम में काम करता था। पहले लेयर में लोग अपने नाम पर बैंक अकाउंट और सिम कार्ड खुलवाते थे। दूसरे लेयर में बिचौलिए थे जो ये अकाउंट बेचते थे। तीसरे और चौथे लेयर में असली ठग बैठे थे जो इन अकाउंट्स का इस्तेमाल ठगी के लिए करते थे। यह एक बेहद संगठित और सोची-समझी रणनीति थी।
चार केस, एक ही तरीका-फरसगांव थाने में चार साइबर ठगी के केस दर्ज हैं। जांच में पता चला कि सभी मामलों में एक ही तरीका अपनाया गया था – फर्जी म्यूल अकाउंट के जरिए लोगों से पैसे ठगे गए। यह दिखाता है कि गिरोह कितना पेशेवर तरीके से काम करता था।
म्यूल अकाउंट क्या है और कैसे बचें?-म्यूल अकाउंट एक ऐसा बैंक अकाउंट है जो किसी आम व्यक्ति के नाम पर होता है, लेकिन असली ठग उसका इस्तेमाल करते हैं। वे खाताधारक को थोड़े पैसे देकर उसका अकाउंट इस्तेमाल करने की अनुमति ले लेते हैं, लेकिन कानूनी कार्रवाई में सबसे पहले खाताधारक ही फंसता है। इसलिए, किसी को भी अपना बैंक अकाउंट या सिम कार्ड किसी अंजान व्यक्ति को न दें।
पुलिस की अपील: सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा-पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे लालच में आकर अपना बैंक अकाउंट, पासबुक, एटीएम कार्ड या सिम कार्ड किसी को न दें। ऐसा करना साइबर अपराध में शामिल होने जैसा है और इसके लिए सख्त सजा का प्रावधान है। अपनी जानकारी की सुरक्षा खुद करें।
जांच जारी, और गिरफ्तारियां संभव-पुलिस का कहना है कि जांच जारी है और इस गिरोह के और भी लोग पकड़े जा सकते हैं। यह कार्रवाई साइबर अपराध के खिलाफ एक कड़ा संदेश है। पुलिस की यह सफलता साइबर अपराधियों के लिए एक चेतावनी है।




