
सावधान रहें! मध्य प्रदेश में साइबर ठगी का खतरा बढ़ा-क्या आप जानते हैं कि मध्य प्रदेश में पिछले 5 सालों में 1000 करोड़ रुपये से ज़्यादा की साइबर ठगी हो चुकी है? यह आंकड़ा बेहद चौंकाने वाला है और हमें सावधान होने की ज़रूरत है।
साइबर ठगों के नए-नए तरीके-आजकल साइबर अपराधी बहुत चालाक हो गए हैं। वे बैंकिंग फ्रॉड, फर्जी वेबसाइट्स, सोशल मीडिया, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन गेमिंग जैसे कई तरीकों से लोगों को ठग रहे हैं। ये ठगी इतनी चालाकी से की जाती है कि कई बार समझ ही नहीं आता कि हम कैसे ठगी के शिकार हो गए। उदाहरण के लिए, डबल पैसे का लालच देकर, फर्जी लिंक या कॉल के ज़रिए लोग आसानी से फंस जाते हैं।
युवा और बुजुर्ग सबसे ज़्यादा निशाने पर-यह बात और भी चिंताजनक है कि इन साइबर ठगी के मामलों में युवा और बुजुर्ग लोग सबसे ज़्यादा शिकार हो रहे हैं। 2025 की शुरुआत से जुलाई तक ही 2.48 लाख शिकायतें दर्ज हुई हैं, जिनमें से 579 साइबर ठगी के मामले थे। सोचिए, कितने लोग इन ठगों के जाल में फंस रहे हैं और अपना पैसा गँवा रहे हैं!
पुलिस की चुनौतियाँ और समाधान-पुलिस के लिए भी यह एक बड़ी चुनौती है। हालांकि पुलिस ने 105 करोड़ रुपये की रकम रिकवर की है, लेकिन यह कुल ठगी का सिर्फ 10% है। पुलिस को भी साइबर अपराधियों के नए-नए तरीकों से निपटने के लिए नए तरीके अपनाने होंगे। साथ ही, लोगों को भी जागरूक होने की ज़रूरत है। अगर आप साइबर ठगी के शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत पुलिस में शिकायत करें। जितनी जल्दी आप शिकायत करेंगे, उतनी ही ज़्यादा संभावना है कि आपका पैसा वापस मिल जाएगा।
कैसे बचें साइबर ठगी से?- साइबर ठगी से बचने के लिए कुछ सावधानियाँ बरतना बहुत ज़रूरी है:
* अज्ञात नंबरों के कॉल और मैसेज से सावधान रहें।
* फर्जी वेबसाइट्स और लिंक्स पर क्लिक करने से बचें।
* अपने बैंक अकाउंट और पर्सनल डिटेल्स की सुरक्षा का ध्यान रखें।
* अपने आस-पास के लोगों को भी साइबर ठगी के खतरों के बारे में जागरूक करें।
याद रखें, थोड़ी सी सावधानी बरतकर आप खुद को साइबर ठगी से बचा सकते हैं।



