छत्तीसगढ़

कसडोल में औचक निरीक्षण: आंगनबाड़ी की दयनीय हालत पर बाल आयोग सख्त

बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन उजागर—अनियमितताओं पर तुरंत कार्रवाई के आदेश

जर्जर भवन से नशे की बिक्री तक—डॉ. वर्णिका शर्मा ने दिए कड़े सुधार निर्देश

बलौदाबाजार :- छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने 27 नवम्बर 2025 को बलौदाबाजार –भाठापारा जिले के दो महत्त्वपूर्ण संस्थानों—कसडोल आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 04 एवं पी.एम. श्री स्वामी आत्मानंद एक्सीलेंस इंग्लिश मीडियम हायर सेकेंडरी स्कूल, कसडोल—का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण का उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं अधिकारों की वास्तविक स्थिति का आकलन करना था।

आंगनबाड़ी केंद्र में निरीक्षण के दौरान भवन की स्थिति अत्यंत दयनीय पाई गई। भवन का प्लास्टर टूट चुका था, छत जर्जर हो चुकी थी तथा दीवारों में दरारें साफ दिखाई दे रही थीं। बच्चों के लिए सुरक्षित एवं अनुकूल वातावरण का स्पष्ट अभाव था। इस गंभीर स्थिति पर आयोग की अध्यक्ष ने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए उपस्थित अधिकारियों को तत्काल भवन की मरम्मत, पुनर्निर्माण और आवश्यक सुधारात्मक कार्य प्रारंभ करने के कड़े निर्देश दिए।

इसी प्रकार, पी.एम. श्री स्वामी आत्मानंद विद्यालय के निरीक्षण में भी कई गंभीर अनियमितताएँ सामने आईं। विद्यालय परिसर में व्यापक गंदगी तथा परिसर के आसपास नशीले पदार्थों की बिक्री जैसी शिकायतें मिलीं। ये स्थितियाँ न केवल बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं, बल्कि उनके शैक्षणिक एवं मनोवैज्ञानिक विकास के लिए भी खतरनाक हैं। डॉ. शर्मा ने इन अव्यवस्थाओं को बच्चों के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन बताते हुए तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने का निर्देश दिया।

निरीक्षण में सामने आई परिस्थितियों को गंभीरता से लेते हुए अध्यक्ष डॉ. शर्मा ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 की धारा 13 एवं 14 के तहत दोनों प्रकरणों में अलग-अलग कार्रवाई प्रारंभ करने के निर्देश जारी किए। आंगनबाड़ी से संबंधित प्रकरण में महिला एवं बाल विकास विभाग को भवन की मरम्मत, पुनःनिर्माण तथा अन्य आवश्यक सुधार शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए। वहीं विद्यालय से जुड़े प्रकरण में जिला शिक्षा अधिकारी को परिसर की स्वच्छता, सुरक्षित पेयजल, शौचालयों की कार्यशीलता सुनिश्चित करने तथा परिसर के आसपास की असामाजिक गतिविधियों पर तुरंत रोक लगाने के निर्देश दिए गए।

आयोग द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी तथा स्कूल शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा अधिकारी को 22 दिसम्बर 2025 को दोपहर 2 बजे आयोग कार्यालय में उपस्थित होकर सुधारात्मक कार्यों की विस्तृत प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।

अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने स्पष्ट किया कि बच्चों की सुरक्षा, गरिमा, स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना राज्य की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि बच्चों के अधिकारों से संबंधित किसी भी प्रकार की लापरवाही को आयोग गंभीरता से लेगा और आवश्यकतानुसार कड़ी कार्रवाई करेगा।

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