CAG रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा, कर्मकार बोर्ड ने बिना मंजूरी उड़ाए 607 करोड़
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उत्तराखंड में बिना मंजूरी खर्च हुए 607 करोड़, CAG रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
उत्तराखंड में कैग (CAG) की रिपोर्ट ने एक बड़ा खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड ने 2017-18 से 2021-22 के बीच 607 करोड़ रुपये सरकार की मंजूरी के बिना ही खर्च कर दिए। इस वित्तीय गड़बड़ी पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) ने गंभीर सवाल उठाए हैं।
कैसे खर्च हो गए इतने करोड़ रुपये?
गुरुवार को विधानसभा में पेश हुई CAG रिपोर्ट में सामने आया कि बोर्ड ने उपकार राशि के सही आकलन के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं बनाई। रिपोर्ट में सरकारी विभागों के बजट खर्च में अनियमितताएं पाई गईं। इसके अलावा, डीडीओ (आहरण-वितरण अधिकारी) द्वारा 788 करोड़ रुपये खातों में ट्रांसफर करने का मामला भी सामने आया, जिससे कई योजनाओं के लिए जरूरी फंड सही समय पर इस्तेमाल नहीं हो सका।
स्वास्थ्य सेवाओं में भी गड़बड़ी
CAG रिपोर्ट में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी खामियों का भी खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड में डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और मेडिकल कॉलेजों से जुड़े आंकड़े वास्तविक स्थिति से मेल नहीं खाते। खासकर, देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज के निर्माण में देरी को लेकर सवाल उठाए गए हैं, जबकि वहां पीजी कक्षाएं पहले ही शुरू हो चुकी हैं।
CAG की कड़ी टिप्पणी
CAG ने सरकारी फंड के दुरुपयोग और वित्तीय प्रबंधन की खामियों को लेकर सख्त सवाल खड़े किए हैं। रिपोर्ट से साफ है कि सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी बनी हुई है। अब देखना होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और इस अनियमितता की जिम्मेदारी किस पर तय की जाती है।