गरियाबंद में बड़ी कामयाबी: 19 लाख के 4 इनामी नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, नकदी और हथियार बरामद

नक्सलवाद पर एक बड़ा झटका: 19 लाख के इनामी 4 खूंखार नक्सली सुरक्षाबलों के सामने घुटनों पर!
गरियाबंद में सुरक्षा बलों की शानदार कामयाबी, नक्सली संगठन की कमर टूटी!-यह खबर वाकई नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे हमारे अभियानों के लिए एक बहुत बड़ी जीत है। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में, हमारे बहादुर सुरक्षा बलों ने एक बार फिर अपनी असाधारण सूझबूझ और साहस का परिचय देते हुए नक्सल विरोधी अभियान में एक अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। इस बार, 19 लाख रुपये के भारी इनाम वाले चार खूंखार नक्सलियों ने, जिनमें दो पुरुष और दो महिला नक्सली शामिल हैं, स्वेच्छा से आत्मसमर्पण कर दिया है। यह सिर्फ एक आत्मसमर्पण नहीं, बल्कि नक्सली संगठन के हौसले को तोड़ने और उन्हें कमजोर करने की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है। इस सफलता से निश्चित रूप से नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगेगा और क्षेत्र में शांति और सुरक्षा का माहौल मजबूत होगा।
कौन हैं ये नक्सली और क्या है इनका इतिहास?-जिन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, वे कोई आम नक्सली नहीं थे। इनमें डीवीसीएम दीपक उर्फ भीमा मंडावी का नाम सबसे प्रमुख है, जिस पर अकेले 8 लाख रुपये का भारी इनाम घोषित था। इसके अलावा, प्रोटेक्शन टीम के सदस्य कैलाश उर्फ भीमा भोगाम और एरिया कमेटी सदस्य रानिता उर्फ पायकी पर भी 5-5 लाख रुपये का इनाम था, जबकि सुजीता उर्फ उरें कारम पर 1 लाख रुपये का इनाम था। ये सभी नक्सली धमतरी-गरियाबंद नुआपड़ा डिवीजन कमेटी के तहत लंबे समय से सक्रिय थे और क्षेत्र में अपनी आतंक फैलाने के लिए जाने जाते थे। कुल मिलाकर इन पर 19 लाख रुपये का इनाम था, जो इनकी गंभीरता को दर्शाता है। इनका आत्मसमर्पण सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
पिछले ऑपरेशन का असर: नक्सलियों की हिम्मत पस्त!-यह समझना महत्वपूर्ण है कि यह सफलता अचानक नहीं मिली है। इसी साल जनवरी में, हमारे सुरक्षा बलों ने एक अत्यंत साहसिक और सफल ऑपरेशन में केंद्रीय समिति के सदस्य जयराम उर्फ चलपथी सहित 16 नक्सलियों को मार गिराया था। उस ऑपरेशन के बाद से ही नक्सली संगठन के भीतर खलबली मची हुई है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि उस बड़ी कार्रवाई ने न केवल नक्सली संगठन के मनोबल को तोड़ा, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से भी काफी कमजोर कर दिया। इसी दबाव और हताशा के कारण, कई नक्सली अब संगठन छोड़कर मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं और आत्मसमर्पण कर रहे हैं। यह बदलाव नक्सलवाद जैसी गंभीर समस्या को जड़ से खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
नकदी, हथियार और साहित्य बरामद: नक्सलियों की कमर तोड़ी!-आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को अपनी छिपाई हुई सामग्री के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी दी। उनकी निशानदेही पर तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें 16 लाख रुपये नकद बरामद किए गए। इसके अलावा, 31 जिंदा कारतूस, 2 खाली मैगजीन, डेटोनेटर, 8 बीजीएल (बैरल ग्रेनेड लॉन्चर) राउंड, 12 बोर की गोलियां और बड़ी मात्रा में नक्सली साहित्य भी जब्त किया गया। अधिकारियों का कहना है कि यह बरामदगी नक्सलियों की आर्थिक रीढ़ और उनकी हथियार आपूर्ति श्रृंखला पर एक बहुत बड़ा प्रहार है। यह दर्शाता है कि हमारे सुरक्षा बल न केवल नक्सलियों को पकड़ने में सफल हो रहे हैं, बल्कि उनकी गतिविधियों को भी पूरी तरह से बाधित कर रहे हैं।



