
पंजाब को राहत: केंद्र सरकार ने 15 लाख टन धान से इथनॉल बनाने की दी मंजूरी
चंडीगढ़: पंजाब के शेलर मालिकों और किसानों के लिए राहत की खबर आई है। केंद्र सरकार ने 15 लाख टन धान से इथनॉल बनाने की मंजूरी दे दी है। इससे उन व्यापारियों को राहत मिलेगी, जिनकी मिलों में बड़ी मात्रा में धान जमा पड़ा है। दरअसल, देशभर में चावल की मांग कम होने और गोदाम पहले से भरे होने के कारण इस साल धान की मिलिंग काफी धीमी हो रही थी।
गर्मी बढ़ने से धान के नुकसान की आशंका
- जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, धान में नमी कम हो रही है और उसका वजन घट रहा है।
- अगर जल्द मिलिंग नहीं हुई तो धान की टूटन ज्यादा होगी, जिससे शेलर मालिकों को नुकसान उठाना पड़ेगा।
शेलर मालिकों को कितनी राहत?
केंद्र सरकार के इस फैसले से शेलर मालिकों को जरूर थोड़ी राहत मिलेगी, लेकिन उनकी सभी परेशानियां खत्म नहीं हुई हैं।
- पहले ही 15 लाख टन गेहूं गोदामों से दूसरे राज्यों में भेजा गया था, जिससे स्टोरेज की थोड़ी जगह खाली हुई।
- अब उम्मीद है कि आने वाले दिनों में 37-38 लाख टन धान का निपटारा हो जाएगा।
धान की मिलिंग अब तक कितनी हुई?
- पंजाब राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रधान तरसेम सैणी के मुताबिक, अब तक सिर्फ 40% धान की ही मिलिंग हो पाई है, जबकि 60% धान अभी भी शेलरों में पड़ा है।
- गर्मी बढ़ने से मिलिंग में और दिक्कतें आएंगी, जिससे व्यापारियों का नुकसान बढ़ सकता है।
अप्रैल से गेहूं की आवक होगी शुरू, बढ़ सकती हैं मुश्किलें
- अप्रैल से मंडियों में गेहूं की आवक शुरू हो जाएगी।
- शेलर मालिकों को चिंता है कि ट्रांसपोर्ट गेहूं ढोने में लग जाएगी और गोदामों से धान निकालना मुश्किल हो जाएगा।
- इस समस्या को लेकर पिछले हफ्ते शेलर मालिकों ने मुख्य सचिव केएपी सिन्हा से मुलाकात कर अपनी परेशानी साझा की थी।
निष्कर्ष
धान से इथनॉल बनाने की मंजूरी जरूर एक राहतभरी खबर है, लेकिन शेलर मालिकों की चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई हैं। आने वाले दिनों में गेहूं की फसल आने और ट्रांसपोर्ट की कमी से नई मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।




