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भोपाल में IT की बड़ी कार्रवाई: साइंस हाउस से करोड़ों की टैक्स चोरी का पर्दाफाश

 भोपाल में इनकम टैक्स का बड़ा एक्शन: करोड़ों की हेराफेरी का खुलासा!

भोपाल में खलबली: मेडिकल कारोबारियों पर IT की धाकड़ छापेमारी-मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मंगलवार को इनकम टैक्स विभाग ने एक ज़ोरदार कार्रवाई को अंजाम दिया। इस बार निशाने पर थे मेडिकल कारोबारी राजेश गुप्ता और साइंस हाउस से जुड़े कई महत्वपूर्ण ठिकाने। विभाग की टीम ने एक साथ कई जगहों पर दबिश दी, जिससे हड़कंप मच गया। इस कार्रवाई के दौरान, टीम ने मौके से एक करोड़ रुपये से ज़्यादा की नकदी बरामद की। साथ ही, 20 बैंक लॉकर और खातों को भी सील कर दिया गया है। शुरुआती जांच में बोगस बिलिंग और फर्जी सप्लाई के गंभीर मामले सामने आए हैं, जो टैक्स चोरी के एक बड़े खेल की ओर इशारा कर रहे हैं। अधिकारी अब इन बैंक खातों और लेन-देन की गहराई से पड़ताल कर रहे हैं, जिससे इस पूरे मामले की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं।

साइंस हाउस के संचालक और उनके परिवार के खातों की गहन जाँच-इस बड़ी रेड में साइंस हाउस मेडिकल प्राइवेट लिमिटेड के संचालक जितेंद्र तिवारी और उनके परिवार के सदस्यों के बैंक खातों की भी बारीकी से जाँच की जा रही है। कई ऐसे खाते मिले हैं जिनमें करोड़ों रुपये जमा हुए हैं, लेकिन उनके स्रोत का कोई पुख्ता जवाब नहीं मिल पा रहा है। इस नकदी और ज़ेवरों की सही पड़ताल के लिए बैंक अधिकारियों की एक विशेष टीम को भी मौके पर बुलाया गया था। राजेश गुप्ता का कारोबार सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उसका विदेश से भी गहरा जुड़ाव सामने आया है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इस मामले में विदेशी कनेक्शन होने की वजह से प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी जल्द ही अपनी जाँच शुरू कर सकती है, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ सकती है।

एक साथ कई ठिकानों पर IT की टीम का धावा-इस पूरे ऑपरेशन की एक खास बात यह रही कि इनकम टैक्स विभाग की टीम ने भोपाल के अलग-अलग इलाकों, जैसे लालघाटी, पंचवटी पार्क और अयोध्या बायपास पर एक साथ कार्रवाई की। साइंस हाउस के साथ-साथ, इसके जितने भी सहयोगी संस्थान थे, उन पर भी छापेमारी की गई। मेडिकल उपकरण के कारोबार से जुड़े जितेंद्र तिवारी, शैलेंद्र तिवारी और मोहन शर्मा जैसे लोगों के घर और दफ्तरों की भी तलाशी ली गई। यह कार्रवाई सिर्फ भोपाल तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि देश भर में फैले ठिकानों पर भी एक साथ की गई। इससे यह साफ तौर पर पता चलता है कि यह पूरा नेटवर्क काफी बड़ा और फैला हुआ है, जिसमें कई तरह की परतें छिपी हुई हैं, जिनका पर्दाफाश होना बाकी है।

विदेशों में भी फैला कारोबार, युगांडा में भी है फैक्ट्री-राजेश गुप्ता का कारोबार सिर्फ भारत की सीमाओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वह विदेश में भी मेडिकल सर्जिकल आइटम्स का व्यापार करते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, उनकी युगांडा में भी एक बड़ी फैक्ट्री स्थापित है। भोपाल का साइंस हाउस वर्ष 1994 से ही मेडिकल उपकरणों की सप्लाई का काम कर रहा है और यह कंपनी पूरे देश में डायग्नोस्टिक सर्विस भी मुहैया कराती है। इनके पास अपनी पैथोलॉजी लैब और निजी अस्पताल जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। इस प्रकार, यह पूरा कारोबार काफी बड़ा और विस्तृत है। हालांकि, इनकम टैक्स विभाग की जांच से यह शक और गहरा गया है कि टैक्स चोरी और फर्जी बिलिंग के ज़रिए लाखों-करोड़ों का खेल खेला जा रहा था, जिसका खुलासा अब हो रहा है।

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