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MP में साइबर ठगी पर लगाम लगाने की बड़ी शुरुआत: 60 करोड़ रु ठगों तक पहुंचने से पहले ही रोके, SOG की बनी खास टीम

मध्य प्रदेश में साइबर ठगी लगातार बढ़ रही है, लेकिन इस बीच राहत देने वाली एक बड़ी खबर सामने आई है। साल 2025 के सिर्फ पहले चार महीनों (जनवरी से अप्रैल) में करीब 251 करोड़ रुपए की साइबर धोखाधड़ी सामने आई है। ये आंकड़ा चौंकाने वाला जरूर है, लेकिन इसमें उम्मीद की बात ये है कि करीब 60 करोड़ रुपए ठगों के अकाउंट तक पहुंचने से पहले ही रोक लिए गए। इसका मतलब साफ है—लोग अब पहले से ज्यादा सतर्क हो गए हैं और समय पर शिकायत दर्ज करवा रहे हैं। जहां 2024 में कुल साइबर ठगी के मुकाबले सिर्फ 10% रकम होल्ड हो पाई थी, वहीं इस बार ये आंकड़ा 24% तक पहुंच गया है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है साइबर सेल का लगातार चलाया जा रहा जागरूकता अभियान। सोशल मीडिया, स्थानीय समाचारों और अन्य प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए लोगों को समय रहते ठगी पहचानने और शिकायत करने के लिए प्रेरित किया गया है।

अब लोग सिर्फ ठगी होने के बाद नहीं, बल्कि जैसे ही उन्हें शक होता है, तुरंत हेल्पलाइन या पुलिस से संपर्क कर रहे हैं। इससे अकाउंट होल्डिंग जैसी प्रक्रिया समय पर हो पा रही है और पैसे वापस लाने की उम्मीद भी बढ़ गई है। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG): साइबर ठगी के खिलाफ MP पुलिस की नई ‘सीक्रेट टीम’ साइबर ठगों को पकड़ने और उनसे पैसे वापस लाने के लिए MP साइबर सेल ने एक नया और मजबूत कदम उठाया है—स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप यानी SOG का गठन। इस SOG टीम में 6 सदस्य शामिल किए गए हैं, जो बड़े फाइनेंशियल फ्रॉड और जटिल साइबर क्राइम के केसों को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाने का काम कर रहे हैं। टीम की पोस्टिंग साइबर हेडक्वार्टर में की गई है, लेकिन जरूरत पड़ने पर इन्हें देशभर में कहीं भी भेजा जा सकता है।SOG टीम का एक बड़ा काम है बैंकों के साथ तालमेल बैठाना। जैसे ही किसी व्यक्ति की शिकायत आती है, ये टीम बैंक अधिकारियों से संपर्क कर ठगों के खातों को फ्रीज कराने की कोशिश करती है। इस तरह से सिर्फ केस फाइल नहीं होता, बल्कि रियल टाइम में एक्शन लिया जाता है, जिससे लोगों की रकम सही समय पर बचाई जा सके। इससे पुलिस की इमेज भी बदली है और जनता का भरोसा सिस्टम पर पहले से ज्यादा बढ़ा है।

दिल्ली से सीधा कनेक्शन: अब रियल टाइम में फ्रीज होंगे अकाउंट, ठगी रोकने की नई तकनीक – MP साइबर सेल ने अब एक और बड़ा कदम उठाया है—दिल्ली स्थित मिटीगेशन सेंटर में एक खास कोऑर्डिनेटर ऑफिसर की नियुक्ति।यह अधिकारी अब दिल्ली से ही सीधे देशभर के बैंकों से संपर्क कर ठगों के खातों को फ्रीज कराने की प्रक्रिया को तेज करेगा। इस सिस्टम से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि शिकायत मिलते ही तुरंत एक्शन लिया जा सकेगा, और ठगी की रकम को ठगों तक पहुंचने से पहले ही रोका जा सकेगा।इससे होल्डिंग कैपेसिटी यानी जिस रफ्तार से पैसे फ्रीज किए जा सकते हैं, उसमें जबरदस्त तेजी आएगी।2024 में जहां सिर्फ 10% रकम ही होल्ड हो पाई थी, अब 2025 में यह 24% तक पहुंच चुका है और उम्मीद है कि आने वाले महीनों में यह आंकड़ा और बेहतर होगा। MP साइबर सेल का यह नया सिस्टम देशभर में एक उदाहरण बन सकता है, जिससे बाकी राज्यों को भी सीख लेने की जरूरत है।

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