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वर्ल्ड हार्ट डे 2025: दिल को हेल्दी रखने के जरूरी टिप्स और शुरुआती लक्षणों पर ध्यान

दिल हमारे शरीर का इंजन है। यह ब्लड पंप करता है, ऑक्सीजन पहुंचाता है और पूरे शरीर को जीवंत रखता है। ऐसे में इसका हेल्दी रहना बेहद जरूरी है। हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाता है ताकि लोगों को हार्ट हेल्थ के बारे में जागरूक किया जा सके। इस खास मौके पर नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल के कार्डियक साइंसेज चेयरमैन डॉ. अजय कौल ने बताया कि हार्ट अटैक के दौरान शुरुआती 60 मिनट कितने महत्वपूर्ण होते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं।

हार्ट अटैक में शुरुआती एक घंटा क्यों है अहम- डॉ. कौल का कहना है कि अगर किसी को हार्ट अटैक आता है, तो मरीज को जितनी जल्दी अस्पताल पहुंचाया जाएगा, उतनी जल्दी उसका इलाज शुरू हो सकता है और उसकी जान बच सकती है। हार्ट अटैक में हर मिनट कीमती होता है। अक्सर लोग देर कर देते हैं और गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ता है। ऐसे में सबसे नजदीकी अस्पताल तक तुरंत पहुंचना चाहिए। फर्स्ट एड मिलने के बाद अगर मरीज स्थिर हो जाता है, तो वह अपने भरोसेमंद डॉक्टर या हॉस्पिटल में शिफ्ट हो सकता है। साथ ही, जो लोग जिम या हैवी वर्कआउट करते हैं, उन्हें बाहर से सप्लीमेंट्स लेने से बचना चाहिए। बेहतर है कि वे अपने रूटीन खाने में पौष्टिक चीजों पर ध्यान दें। प्रदूषण से बचाव करना, घर के वातावरण को हेल्दी रखना और जीवनशैली में संतुलन बनाए रखना दिल की सेहत के लिए बेहद जरूरी है।

बच्चों की हार्ट हेल्थ पर भी दें ध्यान- अक्सर माता-पिता बच्चों की दिल से जुड़ी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे पाते। डॉ. कौल बताते हैं कि अगर 3-4 साल की उम्र से ही बच्चे को बार-बार खांसी, जुकाम, बुखार, थकान या ग्रोथ रुकने जैसी समस्या हो, तो पेरेंट्स को सतर्क हो जाना चाहिए। ऐसे में बच्चों का ईसीजी और टू-डी ईको-कार्डियोग्राफी कराना जरूरी है। डाइट में दाल, दलिया, सोयाबीन जैसी पौष्टिक चीजें शामिल करें। अगर दिल की धमनियों में ब्लॉकेज होता है, तो इससे खून का प्रवाह रुक जाता है और हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट हो सकता है। ब्लॉकेज से दिल की पंपिंग क्षमता कम हो जाती है। इसलिए शुरुआती स्तर से ही बच्चों और युवाओं को हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने के लिए प्रेरित करना जरूरी है।

हार्ट अटैक के लक्षणों को पहचानना सीखें- दिल की बीमारियों से बचने के लिए 25 साल की उम्र के बाद से ही दिल से संबंधित जांच कराते रहना चाहिए। थकान, ज्यादा पसीना आना, सांस फूलना, घबराहट, हाथ या छाती में दर्द, यहां तक कि जबड़े से लेकर नाभि तक किसी भी हिस्से में दर्द महसूस होना गंभीर संकेत हो सकते हैं। यह लक्षण हार्ट अटैक या कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD) की तरफ इशारा कर सकते हैं। हर उम्र के लोगों को अपने कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल में रखना चाहिए। दिल की बीमारियां धीरे-धीरे बढ़ती हैं, इसलिए लक्षणों को नज़रअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। समय पर डॉक्टर से मिलें और नियमित जांच कराते रहें।

डायबिटीज के मरीजों को रखनी चाहिए खास सावधानी- डायबिटीज के मरीजों को हार्ट अटैक के सामान्य लक्षण जैसे दर्द आदि हमेशा महसूस नहीं होते। ऐसे में उन्हें ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। शुगर कंट्रोल में रखें और डॉक्टर की सलाह पर दिल की जांच नियमित रूप से कराते रहें। इसके अलावा रोजमर्रा की जिंदगी में संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है। नींद पूरी लें, तनाव से दूर रहें, योग और व्यायाम को रूटीन का हिस्सा बनाएं। मोटापा दिल का सबसे बड़ा दुश्मन है, इसलिए फैट को शरीर में जमा न होने दें और वजन को कंट्रोल में रखें। हेल्दी लाइफस्टाइल ही दिल को लंबे समय तक हेल्दी रख सकता है।

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