मध्यप्रदेश में साइन होंगे दो बड़े एमओयू, घर-घर मिट्टी के गणेश की स्थापना को मिलेगा बढ़ावा

आनंद ग्राम: सतत विकास की ओर एक नया कदम
एमओयू पर हस्ताक्षर: एक नई शुरुआत-आज भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में एक महत्वपूर्ण त्रिपक्षीय समझौता हुआ। जनअभियान परिषद, दीनदयाल शोध संस्थान और राज्य आनंद संस्थान ने मिलकर आनंद ग्रामों के विकास और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हाथ मिलाया है। इस समझौते से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशिक्षण कार्यक्रमों के ज़रिए विकास की एक नई दिशा तय होगी और ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी। यह समझौता ग्रामीण विकास के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है।
नदियों का संरक्षण: जीवन का आधार-दूसरे समझौते में जनअभियान परिषद और नर्मदा समग्र, भोपाल शामिल हुए हैं। इस समझौते का उद्देश्य नदी संरक्षण के प्रति लोगों की सोच में बदलाव लाना और नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए जन-जागरण अभियान चलाना है। यह समझौता नर्मदा नदी की सुरक्षा और उसके आसपास के पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे नदी संरक्षण के प्रयासों को गति मिलेगी और समाज को इस महत्वपूर्ण मुहिम से जोड़ा जा सकेगा।
माटी गणेश-सिद्ध गणेश: पर्यावरण का संदेश-मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए “माटी गणेश-सिद्ध गणेश” अभियान की शुरुआत की। इस अभियान में मिट्टी से बने गणेश की स्थापना को प्रोत्साहित किया जाएगा। नर्मदा समग्र संस्थान 313 विकासखंडों में परिषद से जुड़ी नवांकुर सखियों को प्रशिक्षण देगा। ये सखियाँ आगे चलकर स्थानीय महिलाओं को प्रेरित करेंगी और घर-घर मिट्टी के गणेश की स्थापना कराएंगी। यह अभियान पर्यावरण संरक्षण का एक अनूठा और प्रभावी तरीका है।



