चलता-फिरता अस्पताल: अब पहाड़ों से जंगल तक हर आपदा में 200 जिंदगियों को मिलेगा नया जीवन

रायपुर एम्स में पहुँचा ‘चलता-फिरता अस्पताल’: स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांति!-भारत ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है! आरोग्य मैत्री परियोजना के तहत बनाया गया यह पोर्टेबल अस्पताल अब रायपुर एम्स में है और जल्द ही देशभर में आपदा राहत और स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांति लाने को तैयार है।
कहीं भी, कभी भी, तुरंत इलाज-यह दुनिया का पहला ऐसा पोर्टेबल अस्पताल है जिसे आप पहाड़ों, जंगलों, बाढ़ या भूकंप प्रभावित इलाकों में आसानी से ले जा सकते हैं। 800 किलो के इस हल्के अस्पताल को ट्रक, हेलिकॉप्टर, नाव या यहाँ तक कि पैदल भी ले जाया जा सकता है। इस अस्पताल की पहुँच से दूर-दराज के इलाकों में भी लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ मिल सकेंगी।
72 खास क्यूब्स: हर ज़रूरत के लिए अलग इंतज़ाम-इस अस्पताल में 72 वाटर और फायर प्रूफ क्यूब्स हैं, हर क्यूब 20 किलो का है। इन क्यूब्स में बेड, स्ट्रेचर, बचाव उपकरण, ऑपरेशन थिएटर के उपकरण, और एक मोबाइल लैब भी है जो 20 तरह की जांचें, जिसमें एक्स-रे भी शामिल है, कुछ ही सेकंड में पूरी कर सकती है। हर क्यूब एक खास काम के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे इलाज तेज़ और आसान होता है।
BHISM तकनीक: डिजिटल और आधुनिक-BHISM प्रोजेक्ट के तहत बना यह अस्पताल पूरी तरह डिजिटल है। हर क्यूब BHISM ऐप से जुड़ा है, जिससे स्कैन करते ही पता चल जाता है कि किस क्यूब में क्या है। सोलर पैनल और जेनरेटर से बिजली की समस्या भी दूर हो गई है, जिससे कहीं भी और कभी भी इलाज जारी रखा जा सकता है।
हर तरह की चोट का इलाज: एक ही छत के नीचे-गोली लगने से लेकर साँप के काटने तक, इस अस्पताल में हर तरह की चोट का इलाज संभव है। यह एक साथ 200 मरीज़ों का इलाज करने की क्षमता रखता है, जो इसे और भी ख़ास बनाता है। आपातकालीन स्थितियों में यह अस्पताल बहुत ही कारगर साबित होगा।
सरकार की पहल: एक नया अध्याय–प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने मिलकर इस अस्पताल को बनाया है। यह आपदा या युद्ध जैसी स्थितियों में तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का एक अनूठा प्रयास है।
रायपुर एम्स में शुरुआत: गेम चेंजर-स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने रायपुर एम्स में इस अस्पताल का उद्घाटन किया और इसे ‘गेम चेंजर’ बताया। यह अस्पताल देशभर में आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा।



