पंजाब के 90 प्रतिशत घरों को मिल रहा शून्य बिजली बिल का लाभ
चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने जब 2022 में पदभार संभाला, तो पंजाब के 3 करोड़ से अधिक लोगों के लिए एक अहम चिंता यह थी कि क्या नवगठित राज्य सरकार पहले महीने से 300 यूनिट मुफ्त बिजली देगी। सत्ता में आने के कुछ ही हफ्तों बाद 16 अप्रैल को, सीएम मान ने एक ऐतिहासिक घोषणा की, जो जनता के पक्ष में थी।
राज्य के शासन में महत्वपूर्ण मील का पत्थर
जिसका लंबे समय से इंतजार था वो 300 यूनिट मुफ्त बिजली के कार्यान्वयन की घोषणा की। यह एक ऐसा कदम है जो न केवल उनके वादे को पूरा करता है, बल्कि राज्य के शासन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर भी था। इस पहल का मतलब है कि परिवारों को 1 जुलाई, 2022 से शुरू होकर, वित्त वर्ष 2023-24 में 5590.40 करोड़ रुपये के सब्सिडी लाभ के साथ, द्विमासिक (हर महीने 300 यूनिट बिजली) कुल 600 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2023-24 में 1643.42 करोड़ रुपये के लाभ के साथ घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 7 किलोवाट तक 3 रुपये प्रति यूनिट की सब्सिडी दी जा रही है।
PSPCL न्यूनतम लागत पर बिजली आपूर्ति करने में सक्षम
पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 804.94 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा के एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। मुख्यमंत्री मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार को धन्यवाद जिसने पीएसपीसीएल को बिजली सब्सिडी के समय पर भुगतान को प्राथमिकता दी। इसके परिणामस्वरूप निगम को काफी आवश्यक वित्तीय राहत मिली है। राज्य सरकार के बीच में आने से बिजली कंपनी का राजस्व वृद्धि और मूल्य निर्धारण समायोजन में बढ़ावा देखने को मिले। यह निर्णय विशेष रूप से पंजाब के लोगों के सामने लंबे समय से चल रही चुनौतियों को देखते हुए अहम है, जो 20 से अधिक वर्षों से उच्च बिजली बिलों से जूझ रहे हैं।
खर्चों को नियंत्रित करने के लिए कई फैसले लिए
पीएसपीसीएल ने अपने बिजली खरीद खर्चों को कुशलतापूर्वक नियंत्रित करने के लिए कई फैसले लिए हैं, जिससे अपने ग्राहकों के लिए एक विश्वसनीय और लागत प्रभावी बिजली आपूर्ति की गारंटी दी है। इसके अलावा, पंजाब सरकार ने 19 दिसंबर, 2023 तक वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पीएसपीसीएल को 18276.74 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी की, जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए, राज्य सरकार ने पीएसपीसीएल को 20,200 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की थी।