
छत्तीसगढ़ में गरीब बच्चों के लिए शिक्षा का खुला दरवाज़ा: RTE के तहत दाखिले का एक और मौका!-क्या आप जानते हैं? छत्तीसगढ़ में हर साल शिक्षा का अधिकार (RTE) कानून के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ने का सुनहरा मौका मिलता है। इसमें निजी स्कूलों की 25% सीटें ऐसे ही बच्चों के लिए आरक्षित होती हैं। इस साल भी, जब दो बार लॉटरी निकल चुकी है और कई बच्चे स्कूल में दाखिला ले चुके हैं, तब भी करीब 6100 सीटें खाली रह गई हैं। इन खाली सीटों को भरने के लिए राज्य सरकार एक और खास लॉटरी निकालने जा रही है, ताकि कोई भी जरूरतमंद बच्चा शिक्षा से वंचित न रह जाए।
तीसरे चरण की लॉटरी: चूक गए तो फिर मौका नहीं!-शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया है कि अब एक तीसरी लॉटरी निकाली जाएगी। अच्छी बात यह है कि इसके लिए आपको दोबारा आवेदन करने की बिल्कुल भी ज़रूरत नहीं है। जिन बच्चों ने पहले आवेदन किया था और किसी कारणवश उनका नाम पहली या दूसरी लॉटरी में नहीं आ पाया था, उनके नाम अपने आप ही इस तीसरी लॉटरी में शामिल हो जाएंगे। यह लॉटरी 19 अगस्त को निकलेगी। जिन बच्चों का नाम इस बार आ जाएगा, उन्हें दाखिला लेने के लिए एक हफ्ते का समय दिया जाएगा। हालांकि, यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि स्कूल का नया सत्र अप्रैल से ही शुरू हो चुका है, इसलिए ये बच्चे थोड़ी देर से पढ़ाई शुरू करेंगे।
आवेदन और चयन का पूरा हिसाब-किताब-इस साल RTE के तहत निजी स्कूलों में दाखिले के लिए कुल मिलाकर 1 लाख 5 हज़ार से ज़्यादा आवेदन आए थे। पहले चरण में करीब 40 हज़ार बच्चों का चयन हुआ, जिनमें से 36 हज़ार बच्चों ने स्कूलों में दाखिला लिया। इसके बाद, दूसरे चरण में 42,363 आवेदन आए और लगभग 10,000 बच्चों को मौका मिला। इन सब के बाद भी 6100 सीटें खाली रह गईं। अब इस तीसरी लॉटरी से उन बच्चों को भी मौका मिलेगा जो अब तक किसी कारणवश दाखिला नहीं ले पाए थे। यह उनके लिए वाकई एक अंतिम अवसर है।




