
बाँध से पानी की भारी रिहाई: क्या है पंजाब में बाढ़ का खतरा?-गुरुवार को रंजीत सागर बाँध से 35,753 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद रावी नदी में पानी का स्तर तेज़ी से बढ़ गया। यह घटना पंजाब के लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि मौसम विभाग ने 5 से 7 अक्टूबर तक भारी बारिश की चेतावनी दी है। आइए जानते हैं इस घटना के बारे में विस्तार से:
बाँध से पानी छोड़ने की वजह-गुरुवार को सुबह 11:30 बजे बाँध का गेट नंबर 4 एक मीटर खोला गया। इसके बाद, दोपहर 1 बजे गेट नंबर 3 और 5 भी खोल दिए गए। दोपहर 3 बजे बाँध का जलस्तर 523 मीटर दर्ज किया गया। पानी छोड़ने का मुख्य कारण बाँध में पानी का स्तर बढ़ना था। बाँध से पानी छोड़े जाने के कारण आसपास के अस्थायी बाँधों को मामूली नुकसान हुआ है।
बिजली उत्पादन और चमेरा परियोजना-हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित चमेरा जलविद्युत परियोजना से इस समय झील में 918 क्यूसेक पानी आ रहा है। फिलहाल बिजली उत्पादन बंद है। रंजीत सागर बाँध की चारों इकाइयों से 600 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। अधिकारियों के अनुसार, बाँध के तीन फ्लड गेट खोलकर और इकाइयों से छोड़े गए पानी को मिलाकर कुल 35,753 क्यूसेक पानी झील से छोड़ा गया।
मौसम विभाग की चेतावनी और सुरक्षा उपाय-मौसम विभाग ने पंजाब में 5 से 7 अक्टूबर तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। बारिश होने पर नदियों का जलस्तर फिर से बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ जाएगा। पठानकोट के डीसी आदित्य उप्पल ने स्थानीय लोगों से नदी के किनारे न जाने की अपील की है। पहले ही बाढ़ से हुए नुकसान के कारण, जलस्तर बढ़ने से और नुकसान का खतरा मंडरा रहा है।
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